World Obesity Day: शरीर के इन हिस्सों पर प्रभाव डालता है मोटापा, हो जाएं सावधान

Madhuri Sonkar

दुनिया में मोटापे की समस्या को कम करने के लिए हर साल 4 मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे (World Obesity Day ) मनाया जाता है। इस दिन का मकसद, मोटापे से जुड़े हेल्थ रिस्क, मिथक और बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है, तो चलिए बताते हैं।

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मोटापे की वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा औरों की तुलना में काफी अधिक हो जाता है। मोटापे की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ जाती है, जो इंसुलिन रेजिस्टिविटी को बढ़ा देता है। इंसुलिन रेजिस्टिविटी बढ़ने की वजह से बॉडी इंसुलिन को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाती है और शुगर लेवल काफी बढ़ने लगता है।

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मोटापे की वजह से लिवर में एक्सट्रा फैट इकट्ठा होने लगता है, जिस वजह से लिवर में इंफ्लेमेशन और फैटी लिवर का खतरा काफी बढ़ जाता है। लंबे समय तक इस समस्या का इलाज न होने की वजह से यह लिवर सिरोसिस की वजह भी बन सकता है। इस कारण से लिवर डैमेज होने लगता है और कैंसर का रूप भी ले सकता है।

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वजन बढ़ने की वजह से जोड़ों पर काफी जोर पड़ता है। ज्यादा दबाव की वजह से हड्डियां घिसने लगती हैं। साथ ही, मोटापे की वजह से जोड़ों में भी सूजन बढ़ने लगती है, जिस कारण से हड्डियों में दर्द होने लगता है। इसे आर्थराइटिस कहते हैं। आमतौर पर यह बढ़ती उम्र के साथ होता है क्योंकि तब हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है।

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मोटापे में बॉडी का फैट बढ़ जाता है। गले में फैट ज्यादा होने की वजह से कई बार सीधा सोने में तकलीफ हो सकती है। इसका कारण है कि फैट की वजह से एयर पाईप ब्लॉक होने लगता है, जिसे स्लीप एपनिया कहते हैं। स्लीप एपनिया में सोते समय बार-बार सांस आनी बंद होने लगती है, जिस कारण से सोने में काफी तकलीफ होने लगती है और नींद पूरी नहीं हो पाती है।

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मोटापे की वजह से शरीर मे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है, जो गौल ब्लैडर में इकट्ठा होने लगते हैं। इस कारण से गौलस्टोन्स (Gallstone) की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से काफी दर्द होता है और पाचन से जुड़ी समस्याएं भी होने लगती हैं। साथ ही आपको हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, कैंसर और गाउट जैसी भी समस्याएं हो सकती है।

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