Madhuri Sonkar
चांद पर विजय पाने के बाद उसके बारे में जो सबसे बड़ी और रोचक बात इंसान को पता चली है वो यह है कि वहां पर पृथ्वी के मुकाबले किसी भी चीज का वजन बेहद घट जाता है और वो अपने भार का 30 फीसदी से भी कम का हो जाता है।
पृथ्वी पर किसी भी इंसान का औसतन वजन 70 किलोग्राम है। यदि आप इतने ही वजन वाले किसी व्यक्ति को चांद पर तौलेंगे तो कांटे पर उसका वजन 12 किलोग्राम का दिखाई देगा।
चांद पर जाने के बाद उसके वजन के घटने का मुख्य कारण वहां का वातावरण होता है। अगर बात कि जाए चांद की तो पृथ्वी के मुकाबले किसी भी चीज का वजन चांद पर 1/6 गुना तक कम हो जाता है। दरअसल चांद और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में काफी फर्क देखने को मिलता है।
चांद के गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी के मान से 1/6 गुना तक कम है। इसकी वजह से चांद पर हलका महसूस होता है। चांद पर 6 गुना कम वजन का मतलब यह नहीं है कि आपका वजन घट गया है। दरअसल चांद पर शरीर का द्रव्यमान पृथ्वी के बराबर ही रहता है, लेकिन गुरूत्व त्वरण के कारण भार यानि बल 6 गुना घट जाता है।
आपको ये जानकर काफी हैरानी होगी कि 4425 अरब साल पहले पृथ्वी से मंगल ग्रह के बराबर आकार वाला एक पिंड टकराया था। इससे उड़े मलबे से धीरे-धीरे चांद का निर्माण हुआ था। इस टक्कर के कारण ही पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुक गई थी, जिससे ऋतुओं का जन्म हुआ और पृथ्वी के घूमने की गति में स्थिरता आई थी।
इसरो ने भी यह पुष्टि की है कि चांद पृथ्वी का ही एक हिस्सा है। विक्रम और प्रज्ञान के रिसर्च उपकरणों ने चांद में वो तमाम चीजों के होने की पुष्टि की है जो पृथ्वी पर आसानी से पायी जाती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि चांद पृथ्वी से अलग ही होकर बना हुआ है।