असम में दुर्गा पूजा में रोक के बाद भी दी गई पशुओं की बलि…

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बेलसोर स्थित 500 साल पुराने बिलेश्वर देवालय में 50 से ज्यादा पशुओं की बलि दी गई।
असम में दुर्गा पूजा में रोक के बाद भी दी गई पशुओं की बलि…

न्यूज – हाईकोर्ट की रोक के बावजूद असम में दुर्गा पूजा के दौरान 50 से ज्यादा पशुओं की बलि दी जाने की खबर है। गौरतलब है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बेलसोर स्थित 500 साल पुराने बिलेश्वर देवालय समेत पूरे राज्य में दुर्गा पूजा के दौरान पशु बलि पर रोक लगा दी थी। हालंकि खबर है कि रोक के बावजूद इस मंदिर में श्रृद्धालुओं द्वारा 40 से ज्यादा पशुओं की बलि दी गई है। जबकि पूरे राज्य में 50 से ज्यादा पशुओं की बलि दी जाने की खबर है।

 खबर है कि असम के बोंगई गांव स्थित शक्तिपीठ मां बाघेश्वरी मंदिर में 5 भैंसो की बलि देने के साथ खांडे की भी पूजा की गई। इस मंदिर में महा नवमी के दिन भैंसे की बलि देने की प्रथा एवं परंपरा काफी पुरानी है। इस परंपरा का निर्वहन बिजनी की राज एस्टेट जमींदारी के जमाने से चला आ रहा है। इस पशु बलि को देखने के लिए हजारों की संख्या में आस पास के लोग आते हैं।

इसके अलावा तेजपुर में भी पशुबलि देने की खबर है। यहां पर दो भैंसो तथा सैंकड़ो बकरों की बलि लोखरा में आयोजित सर्बजनिय दुर्गा पूजा कार्यक्रम के दौरान दी जाने की खबर है।

असम के उदालगिरी के पुरानी तंगला हबीबगांव में स्थित 476 साल पुराने सर्वजनिक दुर्गा शिव मंदिर में भी 10 भैंसो व सैंकड़ों बकरों की बलि दी गई है। यहां पर इस परंपरा के आयोजन के दौरान हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। इसके अलावा असम के कई हिस्सों में लौकियों और कबूतरों की बलि देने की खबरें भी हैं।

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