राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक और भारतीय को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। राष्ट्रपति ने भारतीय-अमरीकी नागरिक अरुण वेंकटरमन को संयुक्त राज्य अमरीका और विदेश वाणिज्यिक सेवा के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। साथ ही उन्हें वाणिज्य विभाग में वैश्विक बाजारों के सहायक सचिव के लिए भी नामित किया गया है।
अरुण वेंकटरमन अभी वाणिज्य सचिव के सलाहकार हैं। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के अनुसार, वेंकटरमण को कंपनियों को, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मुद्दों पर अमरीकी सरकार को सलाह देने का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है। इससे पहले वेंकटरमण ओबामा प्रशासन की भी मदद कर चुके हैं। उन्होंने दुनियाभर के बाजारों में कंपनियों के सामने आने वाली महत्त्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए अमरीकी सरकार की मदद की है।
यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव के कार्यालय में काम करते हुए भारत के निदेशक के रूप में यूएस-इंडिया व्यापार नीति के विकास और कार्यान्वयन का नेतृत्व किया है। इसके लिए उन्हें एजेंसी का केली अवॉर्ड भी मिला है। अरुण वेंकटरमन ने एसोसिएट जनरल काउंसल के रूप में भी काम किया है। विश्व व्यापार संगठन के समक्ष अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों पर बातचीत में अमरीका का प्रतिनिधित्व किया। इससे पहले वह विश्व व्यापार संगठन में एक कानूनी अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं। एक कानूनी अधिकारी संगठन को देशों के बीच व्यापार विवादों की अपील में उठाए गए मुद्दों पर सलाह देता है।
पेरिस। फ्रांस में लौवर म्यूजियम के लिए 228 सालों के बाद पहली बार किसी महिला को बॉस बनाकर इतिहास रच दिया है। इस महिला का नाम लॉरेंस डेस कार्स है। वह कला के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती हैं। वहीं लौवर के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त होने के बाद वह दुनिया के सबसे बड़े म्यूजियम की प्रभारी बन गई हैं। वैसे डेस कार्स वर्तमान में 19वीं सदी की कला को समर्पित पेरिस ऐतिहासिक म्यूजियम मुसी डी ऑर्से चलाती हैं, जहां वह पहले से ही पहली महिला बॉस हैं। वहीं 54 साल की लॉरेंस डेस ने इन चार सालों के दौरान कुछ विवादास्पद विषयों का अध्ययन किया है। इसमें नाजियों के लूटे गए कार्यों को बहाल करना भी शामिल है।