राजधानी दिल्ली में लगेंगे स्वचालित कूड़ेदान, क्या है स्वचालित कूड़ेदान की खासियत ?

दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर अब स्वचालित कूड़ेदान लगाए जाएंगे। इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। वहीं कूड़ेदान भरने पर इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर को फोन पर मैसेज के जरिए मिलेगी।
राजधानी दिल्ली में लगेंगे स्वचालित कूड़ेदान, क्या है स्वचालित कूड़ेदान की खासियत ?

राजधानी दिल्ली में लगेंगे स्वचालित कूड़ेदान, क्या है स्वचालित कूड़ेदान की खासियत ? : दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर अब स्वचालित कूड़ेदान लगाए जाएंगे। इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। वहीं कूड़ेदान भरने पर इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर को फोन पर मैसेज के जरिए मिलेगी।

दिल्ली सरकार ने स्टेशन पर साफ सफाई बनाए रखने के लिए स्टेशन पर स्वचालित कूड़ेदान लगाने की योजना बनाई है। इस योजना के अनुसार स्टेशन मास्टर के मोबाइल पर 75 फीसदी कूड़ेदान भरने पर मैसेज पहुंच जाएगा।

वहीं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इसका ट्रायल चल रहा है। जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्वचालित कूड़ेदान लगाए गए हैं, जो देखने में बिलकुल पुराने लेटर बॉक्स जैसे लग रहे हैं।

 रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इन स्वचालित कूड़ेदानों में करीब 1200 किलो तक कूड़ा आ सकता है

राजधानी दिल्ली में लगेंगे स्वचालित कूड़ेदान, क्या है स्वचालित कूड़ेदान की खासियत ? : इन स्वचालित कूड़ेदानों में कूड़ा फेंकने के लिए जैसे हाथ बढ़ाया जाता है इसका ढक्कन अपने आप खुल जाता है, और फिर बंद हो जाता है। वहीं इन कूड़ेदानों की ये खासियत है कि इनमें बाकी कूड़ेदानों की तरह बदबू नहीं आती है।

साथ ही इनमें कूड़ा फेंकना आसान है और कूड़ा बाहर भी नहीं गिरता है। वहीं गीले और सूखे कूड़े को फेंकने की अलग अलग व्यवस्था भी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इन स्वचालित कूड़ेदानों में करीब 1200 किलो तक कूड़ा आ सकता है।

क्या है स्वचालित कूड़ेदान की खासियत ?

स्वचालित कूड़ेदानों को इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसमें कूड़ा फेंकने के लिए इन्हें खोलने या बंद करने की जरूरत नहीं पड़ती है। ये अपने आप खुलते और बंद होते हैं। साथ ही इनमें साधारण कूड़ेदान की तुलना में ज्यादा कूड़ा डाला जा सकता है।

अधिकारियों के मुताबिक आम कूड़ेदान को कम से दिन में 3 से 4 बार खाली करना पड़ता है, लेकिन स्वचालित कूड़ेदान में ज्यादा कूड़ा जमा हो सकता है।

मोबाइल पर मिलेगी कूड़ेदान भरने की जानकारी

अधिकारियों ने बताया कि जब भी कूड़ादान 75 फीसदी तक भर जाएगा तो स्टेशन मास्टर या कूड़ादान जिस कर्मचारी के मोबाइल से जुड़ा होगा उसके पास इसे खाली कराने का मैसेज आ जाएगा, इससे समय और श्रम दोनों की बचत होगी।

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