अगले महीने की एक तारिख से नियम बदलने जा रहे हैं उसके बाद एक लिमिट से ज्यादा के आटोमेटिक पेमेंट तभी होंगे जब आप उसे अप्रूव करेंगे। ये खबर इसलिए भी जरूरी है कि अगर आपने अप्रूवल मांगने वाले मैसेज पर रिप्लाई करके ओके नहीं किया तो पेमेंट नहीं होगा और आपके ऊपर लेट पेमेंट के चार्जेस भी लग सकते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अप्रैल 2021 से नियमो को लागू करने का आदेश दिया था। लेकिन कोरोना महामारी और बैंको की तैयारी न हो पानी कि वजह से ऐसे टाल दिया गया था। उस वक्त रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा था कि UPI ,DEBIT – CREDIT कार्ड और अन्य प्रीपेड तरीको से किये जाने वाले ट्रांसेक्शन्स को अडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रोसेसस से गुजरना होगा। लेकिन HDFC बैंक , आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक जैसे बड़े बैंक इसके लिए अपना सिस्टम दुरुस्त नहीं कर पाए अब RBI ने सभी बैंको को और फिनेंशल इंस्टिटूशन्स को एक अक्टूबर से ऐसे लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत उन ऑटोपेमेन्ट्स का अतिरिक्त वेरिफिकेशन कराया जायेगा जो 5000 रुपये से ज्यादा के होंगे। ये नियम घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही तरह के सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स के ऊपर लागू होगा।
5000 रुपये से ज्यादा के ऑटोपेमेंट के ट्रांसेक्शन से लगभग २४ घंटे पहले बैंक ग्राहक को SMS EMAIL आदि के जरिये सूचना भेजेगी
उस सूचना में लेनदेन कि राशि ,ये डेबिट क्यों हो रहा है किसे हो रहा है इस तरह के विवरण होंगे। ग्राहक के पास ट्रांसेक्शन अप्रूव करने या ख़ारिज करने का विकल्प होगा। भुगतान तभी होगा जब ग्राहक दिए गए प्रक्रिया का पालन करेगा। ग्राहक को ये सुनिश्चित करना होगा कि डेबिट क्रेडिट कार्ड से मोबाइल नंबर जुड़ा हो।
अगर आपने अपना लेटेस्ट मोबाइल नंबर आपने कार्ड से लिंक नहीं करा रखा है तो करा लीजिये