डूबे हुए बैंकों के खाताधारकों को दिसंबर तक वापस मिलेंगे पैसे, पांच लाख रुपये तक का होगा क्लेम

लंबे समय से परेशानी का सामना कर रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक यानी पीएमसी बैंक समेत देश के 21 डूबे हुए बैंकों के ग्राहकों के लिए यह खबर फायदेमंद साबित हो सकती है. इन ग्राहकों को इस साल दिसंबर तक पैसे मिल सकेंगे. बैंक ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट (DICGC) ने कहा है कि वह 90 दिनों में ग्राहकों को 5 लाख रुपये देगा
डूबे हुए बैंकों के खाताधारकों को दिसंबर तक वापस मिलेंगे पैसे, पांच लाख रुपये तक का होगा क्लेम

लंबे समय से परेशानी का सामना कर रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक यानी पीएमसी बैंक समेत देश के 21 डूबे हुए बैंकों के ग्राहकों के लिए यह खबर फायदेमंद साबित हो सकती है. इन ग्राहकों को इस साल दिसंबर तक पैसे मिल सकेंगे. बैंक ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट (DICGC) ने कहा है कि वह 90 दिनों में ग्राहकों को 5 लाख रुपये देगा.

तैयार होगी खाताधारकों की सूची

भारतीय रिजर्व बैंक की अनुषंगी डीआईसीजीसी ने संकट से जूझ रहे 21 सहकारी बैंकों को खाताधारकों की सूची तैयार करने को कहा है। ज्ञात हो कि संसद ने अगस्त में मानसून सत्र के दौरान डीआईसीजीसी संशोधन विधेयक 2021 पारित किया था। यह बिल सुनिश्चित करता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों पर प्रतिबंध लगाने के 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक की राशि मिल जाए।

डीआईसीजीसी ने जमाकर्ताओं से कहा है कि वे अपने संबंधित बैंकों से संपर्क करें और 15 अक्टूबर से पहले किसी भी लंबित दस्तावेज को अपडेट करें ताकि उनका नाम सूची में शामिल हो सके। इसके बाद बैंकों द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार निगम पात्र राशि और पांच लाख की जमा राशि के अंतर का भुगतान 29 दिसंबर से पहले करेगा.

21 संकटग्रस्त बैंकों में से 11 महाराष्ट्र में हैं

इन 21 बैंकों में से 11 महाराष्ट्र से, पांच कर्नाटक से और एक-एक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल और राजस्थान से हैं। पीएमसी बैंक के अलावा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक, रुपया सहकारी बैंक, स्वतंत्र सहकारी बैंक, अदूर सहकारी शहरी बैंक, बीदर महिला शहरी सहकारी बैंक और पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं को भी लाभ होगा.

डीआईसीजीसी क्या है?

इसके तहत बैंक डूबने की स्थिति में जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर 5 लाख रुपये मिलते हैं। पहले 45 दिनों में, संकटग्रस्त बैंक अपने सभी खातों को जमा करेंगे, जहां दावा करना होगा। ये प्रस्तावित डीआईसीजीसी को दिए जाएंगे। सरकार ने 2020 में ही जमा बीमा की सीमा पांच गुना बढ़ा दी थी। पहले इसकी सीमा एक लाख रुपये थी। वित्त मंत्री ने जानकारी दी थी कि सभी जमा खातों का 98.3 प्रतिशत और जमा मूल्य का 50.98 प्रतिशत डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत आएगा।

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