डेस्क न्यूज – बारां जिले में एक कारोबारी को पेट्रोल पंप संचालन के लिए NOC जारी करने की एवज में रिश्वत वसूलने के केस में गिरफ्तार हुए आईएएस इंद्रसिंह राव को गुरुवार को एसीबी कोर्ट ने एक दिन के रिमांड पर भेज दिया।
एसीबी की प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि राव के जिला कलेक्टर रहते हुए NOC जारी करने की एवज में 2.40 लाख रुपए की रेट फिक्स थी। इसमें एक हिस्सा पीए का भी होता था।
आईएएस इंद्रसिंह राव ने 25 दिसंबर 2018 में बारां में जिला कलेक्टर के पद पर ज्वाइनिंग की थी।
आगामी 25 दिसंबर को कलेक्टर का दो साल का कार्यकाल पूरा होना था।
एसीबी की पड़ताल में सामने आया कि उन्होंने इस बीच 17 एनओसी जारी की है।
एसीबी दस्तावेज जुटाकर इसकी पुष्टि करेगी।
एसीबी रिश्वत के इस खेल में उन लोगों से भी पूछताछ कर सकती है जिनको एनओसी जारी की गई थी।
वहीं, एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि इंद्रसिंह राव के पास जयपुर, गुड़गांव और दिल्ली में बेहिसाब संपत्ति मिली है।
ऐसे में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
बुधवार को गिरफ्तारी के दिन इंद्र सिंह राव मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन करने पहुंचे
बुधवार को गिरफ्तारी के दिन इंद्र सिंह राव मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन करने पहुंचे।
ACB को इसकी भनक लग गई थी। उनका पीछा शुरु किया।
इसके बाद दोपहर को जब इंद्रसिंह राव सेंट्रल पार्क पहुंचे।
वहीं से एसीबी टीम ने उन्हें पकड़ लिया और पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय ले गई।
जहां शाम 5 बजे आईएएस इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार कर लिया।
पेट्रोल पंप की एनओसी को जारी करते हुए 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए इंद्रसिंह राव का पीए महावीर नागर पकड़ा गया
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में यह भी पता चला है कि नियमानुसार एनओसी की फाइल को संबंधित क्षेत्र के अतिरिक्त जिला कलेक्टर के हाथों से गुजर कर कलेक्टर तक जाना होता था। लेकिन जिस पेट्रोल पंप की एनओसी को जारी करते हुए 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए इंद्रसिंह राव का पीए महावीर नागर पकड़ा गया। उसमें इन नियमों को दरकिनार कर दिया गया था।
एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन के मुताबिक 9 दिसंबर को बारां जिला कलेक्टर पद से एपीओ होने के बाद इंद्रसिंह राव जयपुर आ गए थे। उनके खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज होने पर राव को गिरफ्तारी की आशंका थी। ऐसे में उन्होंने अपना मोबाइल फोन घर पर ही रख दिया था। वे टोंक रोड पर अपने रिश्तेदार के यहां जाकर रहने लगे।
दो हफ्ते पहले ACB के जयपुर मुख्यालय में शिकायत दी थी
ACB के DG बीएल सोनी ने बताया कि बारां के रहने वाले एक व्यक्ति ने ट्रेप करवाने के करीब दो हफ्ते पहले ACB के जयपुर मुख्यालय में शिकायत दी थी कि पेट्रोल पंप की NOC जारी करने के लिए बारां जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह राव अपने PA महावीर नागर के मार्फत रिश्वत मांग रहा है। तब कोटा यूनिट के एएसपी ठाकुर चंद्रशील के निर्देशन में शिकायत को वेरिफाई करवाया गया।
जिला कलेक्टर के महावीर नागर को 1.40 लाख रुपए लेते हुए ट्रैप कर लिया
इसके बाद 9 दिसंबर को कोटा ACB की टीम ने जिला कलेक्टर के महावीर नागर को 1.40 लाख रुपए लेते हुए ट्रैप कर लिया। पूछताछ में PA महावीर नागर ने कबूला कि उसने कलेक्टर इंद्रसिंह राव के कहने पर रिश्वत ली थी। तब 10 घंटे की पूछताछ के बाद एसीबी ने इंद्रसिंह राव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। ट्रेप की यह कार्रवाई एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में की गई थी।