कोरोना के साइड इफेक्ट : कोरोना के खात्मे के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शनिवार से शुरू हो गया। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
इस वैक्सीनेशन का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। इस बीच कोरोना का टीका ‘कोवैक्सीन’ बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने ऐलान किया है कि वैक्सीन के गंभीर दुष्परिणाम मिलने पर मुआवजा दिया जाएगा।
दरअसल, भारत बायोटेक की वैक्सीन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
भारत बायोटेक का कहना है कि वैक्सीन लगाए जाने वाले व्यक्ति में अगर घातक साइड इफेक्ट दिखाई पड़ते हैं, तो कंपनी उसे मुआवजा देगी।
कई अन्य टीके भी तेजी से प्रगति में हैं।
केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक को कोविद -19 वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ की 5.5 मिलियन खुराक खरीदने का आदेश दिया है।
वहीं, इससे पहले, पीएम मोदी ने खुशी जाहिर की कि कोरोना वैक्सीन बहुत कम समय में आई है,
आमतौर पर वैक्सीन बनाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन इतने कम समय में एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन बन चुकी हैं।
यही नहीं, कई अन्य टीके भी तेजी से प्रगति में हैं।
वही भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन की सुरक्षा से जुड़ी आशंकाओं को दूर करते हुए केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड
कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) के संयुक्त ड्रग्स कंट्रोलर एस ईश्वर रेड्डी ने शनिवार को कहा कि कोवैक्सीन का संतोषजनक प्रभावकारिता स्तर है और चिंता की कोई बात नहीं है।
किसी भी वैक्सीन की न्यूनतम प्रभावकारिता कम से कम 50 फीसदी होनी चाहिए
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिटो प्रोफेशनल फोरम (जेपीएफ) में बोलते हुए रेड्डी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, किसी भी वैक्सीन की न्यूनतम प्रभावकारिता कम से कम 50 फीसदी होनी चाहिए,
जिसे किसी भी वैक्सीन के लिए पासिंग मार्क माना जाता है।
रेड्डी ने कहा, हम आश्वस्त करते हैं कि टीका सुरक्षित है और प्रभावकारिता संतुष्टिप्रद है।