भारत बायोटेक ने 12 से 18 साल के बच्चों पर Covaxin का शुरू किया ट्रायल, Patna AIIMS से हुई शुरुआत

भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को गति देने के लिए व्यस्कों और बच्चों पर टीकों का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। इसी कड़ी में भारत बायोटेक (बीबीएल) ने बुधवार को बिहार के पटना एम्स अस्पताल में अपनी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' (Covaxin) के दूसरे चरण के परीक्षणों की शुरुआत की।
भारत बायोटेक ने 12 से 18 साल के बच्चों पर Covaxin का शुरू किया ट्रायल, Patna AIIMS से हुई शुरुआत

भारत बायोटेक ने 12 से 18 साल के बच्चों पर Covaxin का शुरू किया ट्रायल : भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को गति देने के लिए व्यस्कों और बच्चों पर टीकों का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। इसी कड़ी में भारत बायोटेक (बीबीएल) ने बुधवार को बिहार के पटना एम्स अस्पताल में अपनी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' (Covaxin) के दूसरे चरण के परीक्षणों की शुरुआत की। भारत बायोटेक दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों पर अपनी कोरोना वैक्सीन का दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है।

पटना एम्स में बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण शुरू किया गया

भारत बायोटेक ने 12 से 18 साल के बच्चों पर Covaxin का शुरू किया ट्रायल : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पटना एम्स में दो जून को बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण शुरू किया गया। पहले दिन वैक्सीन लगवाने के लिए सेंटर पर 15 बच्चे पहुंचे थे, जिसमें से तीन बच्चों को वैक्सीन के लिए फिट पाया गया, जिन्हें वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीन लगाने के बाद इन बच्चों की निगरानी भी की गई। इस दौरान बच्चों पर वैक्सीन का साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।

कोवैक्सीन भारत में पहला ऐसा टीका होगा जो बच्चों को भी लगाया जा सकेगा।

भारत बायोटेक अपनी वैक्सीन का परीक्षण एम्स, दिल्ली, एम्स, पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नागपुर सहित विभिन्न साइटों पर 525 बच्चों पर करेगी। जिन्हें 28 दिनों के अंतराल में कोरोना वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। कोवैक्सीन भारत में पहला ऐसा टीका होगा जो बच्चों को भी लगाया जा सकेगा।

DCGI ने दी बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल की अनुमति

13 मई को, भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षणों को मंजूरी दी थी। हाल ही में एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में, डॉ रैचेस एला ने जून से अपने कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के बाल चिकित्सा परीक्षणों के शुरू होने का संकेत दिया था। कंपनी तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक कोवैक्सिन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अनुमोदन की भी उम्मीद कर रही है।

बता दें कि बीबीएल ने इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन विनिर्माण क्षमता को 700 मिलियन खुराक तक बढ़ाने की भी योजना बनाई है।

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