Bird Flu ने अपनी उपस्थिति बदल दी है, जिससे यह अधिक घातक हो गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना की तुलना में नया Bird Flu अधिक घातक है। मानव पीड़ितों की मृत्यु दर कोरोना वायरस से छह गुना अधिक है। इसका मतलब है कि 100 संक्रमित लोगों में से, जहां दो रोगी कोरोना से मर रहे हैं, 60 लोग नए बर्ड फ्लू से मर सकते हैं। ऐसे में सरकार और विभाग अलर्ट पर आ गए हैं। सभी जिलों के डीसी को भी अलर्ट जारी किया गया है। वन विभाग ने टास्कफोर्स का भी गठन किया है।
राज्य वन्यजीव विंग ने पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली सहित
कई राज्यों को अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में कहा गया है कि उन्हें अपने राज्यों के प्रवासी
पक्षियों की गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए।
एहतियात के तौर पर पड़ोसी राज्यों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
इन पक्षियों में एक नए प्रकार के बर्ड फ्लू
की पुष्टि की गई है। विभाग द्वारा यह भी कहा गया है कि हिमाचल में पाया जाने वाला बर्ड फ्लू
कोई आम फ्लू नहीं है।
यह मनुष्यों से पक्षियों तक भी फैल सकता है।
वन विभाग के अनुसार, पोंग झील में बर्ड फ्लू के कारण प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा 2000 को पार कर गया है।
राज्य सरकार ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय
को एक रिपोर्ट भी भेजी है। पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ विंग
अर्चना शर्मा का कहना है कि यह बर्ड फ्लू आम नहीं है। इसके लक्षण सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार के समान हैं।
यह एक पक्षी से मनुष्यों में फैल सकता है। एहतियात के तौर पर पड़ोसी राज्यों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
बर्ड फ्लू का एच5एन1 स्वरूप बेहद खतरनाक
प्रवासी पक्षियों में पाया गया एच5एन1 नाम का यह वायरस इनसानों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। इस बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, जैसे कि सांस लेने में समस्या, उल्टी होने का एहसास, बुखार, नाक बहना, मांसपेशियों, पेट के निचले हिस्से और सिर में दर्द रहना। बीमारी इनसानों में मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के बेहद पास रहने से होती है। वायरस इनसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है। एवियन इन्फ्लुएंजा एच5एन1 नाम का यह वायरस काफी खतरनाक होता है और यह इनसानों की जान तक ले सकता है।