प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों के साथ ही शुरू हो जाएगा भाजपा का चुनावी अभियान

सभी महासचिवों के राज्यों के चक्रीय प्रवास और चुनावी राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों के साथ ही शुरू हो जाएगा भाजपा का चुनावी अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों और मोचरें के अध्यक्षों को सरकार की उपलब्धियों , चुनावी मुद्दों और चुनाव से जुड़ी रणनीति को लेकर गुरूमंत्र देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस गुरूमंत्र, या यूं कहे कि इन्ही निर्देशों के साथ ही भाजपा के चुनावी अभियान की भी शुरूआत हो जाएगी।

साथ ही, आने वाले दिनों में पार्टी की उच्चस्तरीय बैठकों का एजेंडा भी तय हो जाएगा। इसके बाद अगले 19 दिनों तक अलग-अलग स्तरों पर पार्टी और सरकार के अंदर बैठकों का दौर चलेगा और इनसे निकलने वाले मुद्दों पर अगले महीने , 7 नवंबर को होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुहर लगाई जाएगी।

चुनावी राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी।

सोमवार को दिन भर चलने वाली पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पीएम मोदी की मौजूदगी और जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सेवा एवं समर्पण अभियान के रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। दरअसल, भाजपा ने पीएम मोदी के जन्मदिवस पर 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक देशभर में सेवा एवं समर्पण अभियान चलाया था । सोमवार की बैठक के लिए सभी नेताओं को इस अभियान की उपलब्धियों से जुड़े रिपोर्ट कार्ड को लेकर आने को कहा गया है। बैठक में पार्टी के विस्तार , सभी महासचिवों के राज्यों के चक्रीय प्रवास और चुनावी राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आने वाले प्रस्तावों की रूप-रेखा का निर्धारण भी किया जाएगा।

जाहिर है कि भाजपा की चुनावी रणनीति को लेकर 18 अक्टूबर से 7 नंवबर के बीच के 19 दिन काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगठन के तमाम पदाधिकारियों और मोचरें के अध्यक्षों को जो टिप्स देंगे। उसके आधार पर अगले 19 दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष अलग-अलग स्तरों पर बैठक कर 7 नंवबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का एजेंडा तय करेंगे और इसी के आधार पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आने वाले प्रस्तावों की रूप-रेखा का निर्धारण भी किया जाएगा।

उन्हे भी पदाधिकारियों की बैठक के बाद चुनाव और संगठन से जुड़े अहम कामों में लगाया जाएगा।

इन 19 दिनों के भीतर होने वाली बैठकों की बात करें तो सोमवार को होने वाली पदाधिकारियों की बैठक के बाद 24 अक्टूबर को भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है और भाजपा के किसान मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 30 अक्टूबर को होनी है । इसी दौरान चुनावी रणनीति से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले भाजपा के ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होनी है , जिसकी तारीख को अंतिम रूप अभी दिया जाना बाकी है ( हालांकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले इसकी बैठक भी होना तय है )।

इस बीच पार्टी के 3 महत्वपूर्ण नेता जेपी नड्डा , अमित शाह और बी.एल. संतोष भी पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय और 11 अशोक रोड स्थित पार्टी के वॉर रूम में पार्टी के दिग्गज नेताओं और चुनावी राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के मुताबिक चुनावी रणनीति को अंतिम स्वरूप देंगे । पार्टी के जिन 4 मोचरें ( युवा मोर्चा, महिला मोर्चा , अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा ) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले ही हो चुकी है , उन्हे भी पदाधिकारियों की बैठक के बाद चुनाव और संगठन से जुड़े अहम कामों में लगाया जाएगा।

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