डेस्क न्यूज़- भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार दो कदम
आगे आती है, तो किसान भी दो कदम आगे आएंगे, इस तरह किसान आंदोलन का हल मिल जाएगा, बागपत में
संगठन के पदाधिकारी की मौत के बाद यहां पहुंचे टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार को तीनों कृषि कानूनों को
वापस लेना चाहिए, उन्होंने कहा कि यदि किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो 26 जनवरी को
किसान अपने ट्रैक्टर-ट्राली के साथ गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे।
सरकार किसान को बांट रही है- नरेश टिकैत
नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को बांटने की कोशिश कर रही है
उन्होंने कहा कि ठंड के कारण कई
किसानों की मौत हुई है, कई बार सरकार के साथ बातचीत भी विफल रही है, यदि सभी किसान कृषि कानून को
निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, तो सरकार को उन्हें स्वीकार करना चाहिए, टिकैत ने कहा कि सरकार को इसे
अपनी प्रतिष्ठा से नहीं जोड़ना चाहिए, हम नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में सम्मान करते हैं और हम नहीं चाहते
कि वह अपना सिर झुकाएं।
सरकार को इस किसान मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए
टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों पर किसानों में कोई असहमति नहीं है, सभी किसान एकजुट हैं, सरकार को आरोप
लगाने के बजाय इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए, आंदोलन के लंबे समय तक चलने के कारण देश में प्रतिदिन 35 करोड़
का नुकसान हो रहा है, साथ ही किसान के नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है।
भाजपा विधायक झूठे आरोप लगा रहे हैं – किसान नरेश टिकैत
नरेश टिकैत ने यह भी कहा कि भाजपा के विधायक गलत आरोप लगा रहे हैं, वे किसान संगठनों के बीच विभाजन
पैदा कर रहे हैं, हमारा सरकार से टकराने का इरादा नहीं है, लेकिन किसानों की कई समस्याएं हैं, उन्होंने कहा कि
हरियाणा में एक तरफ गन्ने का मूल्य 360 प्रति क्विंटल और किसानों को केवल 200 प्रति माह की सस्ती दरों पर बिजली
दी जा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य 220 से 225 प्रति क्विंटल है और किसानों को प्रति माह ₹ 100 का बिजली
बिल देना पड़ता है, यह राज्य के किसानों के साथ अन्याय है।