उत्तरप्रदेश में चुनावी रंग अब दिखने लगा है और एक से दूसरी पार्टियों के बीच मेल झोल भी बढ़ने लगा है और साथ ही विधानसभा चुनाव में हर पार्टी अपने छेत्र में कमर कस रही है. वही पंजाब में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर शिरोमणि अकाली दल और बीएसपी में गठबंधन हो गया है। दलित वोटों में सेंध लगाने के लिए यह गठबंधन हुआ है।
उत्तरप्रदेश चुनाव में इस बार अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2022 और उसके बाद के चुनाव साथ लड़ेंगे।
चुनाव; इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके कहा कि पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन एक नया राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहां राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
पंजाब में दलितों की आबादी 32 फीसदी है। लेकिन राज्य के अब तक के इतिहास में कोई दलित सीएम नहीं बना। जाहिर है बड़े वोट बैंक में संभावनाएं तलाशते हुए अकाली दल ने बीएसपी से हाथ मिलाने का फैसला किया है। यूपी में दलितों के बीच मजबूत पैठ रखने वाली बीएसपी के संस्थापक कांशीराम पंजाब के होशियारपुर से आते थे।
ऐसे में अकाली दल और बीएसपी की दोस्ती को सियासत में एक नए प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि 25 साल पहले भी दोनों दोस्ती कर चुके हैं। इस बीच अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती से फोन पर बात की। बातचीत में उन्होंने मायावती से कहा, 'हम आपको जल्द ही पंजाब का दौरा करने के लिए आमंत्रित करेंगे।'