BUDGET 2021 सरकार ने किसानों को अधिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने को लेकर कृषि ऋण 16.5 हजार करोड़ रुपए तथा पशुपालन क्षेत्र की ऋण राशि बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2021 ..22 का बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि ऋण 16.5 हजार करोड़ रुपए किया जाएगा।
पहले यह राशि 15 हजार करोड़ रुपए था। सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में ऋण की राशि 30 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण में मूलभूत परिवर्तन किए हैं । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का कार्य तेजी से जारी है इसके ऋणामस्वरूप किसानों को पर्याप्त भुगतान किए जाने के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है।
वर्ष 2020-21 में किसानों को कुल 75,060 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। गेहूं उत्पादन करने वाले लाभान्वित किसानों की संख्या 2019-20 में 35.57 लाख से बढ़कर 2020-21 में 43.36 लाख हा गई है।
कपास खरीद योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी राज्यों में लागू किया जाएगा
वर्ष 2014 में दालों की खरीद पर 236 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस साल 10 हजार 500 करोड़ रुपये की खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं। दालों की खरीद में 40 गुना की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपये धान खरीद पर खर्च किए गए थे। इस बार यह बढ़कर एक लाख 45 हजार करोड़ हो गया है।
2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपये धान खरीद पर खर्च किए गए थे
यह आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। इस बार 1.5 करोड़ किसानों को इसका फायदा हुआ है।
कपास किसानों को मिलने वाली राशि में भी काफी वृद्धि हुई। कपास खरीद योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 में
सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।
वही बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार देश भर में 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर का निर्माण कराएगी।
वर्ष 2021-2022 के लिए स्वास्थ्य एवं जन-कल्याण के लिए कुल 2,23,846 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।
इसकी मदद से राष्ट्रीय संस्थानों के साथ-साथ प्राइमरी व सेकंडरी हेल्थकेयर सुविधाओं को और विकसित किया जा सकेगा।
नवाचार समेत छह स्तम्भों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मद में और धन मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य व कल्याण के लिए
बजट परिव्यय 2,23,846 करोड़ रुपये है जो 137 प्रतिशत अधिक है।
सीतारमण ने कहा कि इन बजट प्रस्तावों से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व कल्याण, समावेशी विकास, नवाचार समेत छह स्तम्भों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।