GST काउंसिल के फैसले: कोविड और कैंसर की दवाएं सस्ती हुईं, पेट्रोल-डीजल पर बड़ा झटका, बायोडीजल पर जीएसटी दर घटाकर 5% कर दी गई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में GST काउंसिल की 45वीं बैठक के नतीजे आ गए। बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद थी। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है।
GST काउंसिल के फैसले: कोविड और कैंसर की दवाएं सस्ती हुईं, पेट्रोल-डीजल पर बड़ा झटका, बायोडीजल पर जीएसटी दर घटाकर 5% कर दी गई

डेस्क न्यूज़- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में GST काउंसिल की 45वीं बैठक के नतीजे आ गए। बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद थी। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्य इस विचार से सहमत हैं। यानी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती का इंतजार कर रहे लोगों के लिए झटका है।

Photo | ANI
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बायोडीजल में टेक्स कम किया

हालांकि, तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति किए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। अब देखना होगा कि तेल कंपनियां इस छूट का फायदा ग्राहकों को देती हैं या नहीं। आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। इससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है। यही वजह थी कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की उम्मीद थी।

केरल, महाराष्ट्र ने किया था विरोध

इससे पहले पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव का राज्यों ने विरोध किया था। केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो राज्य इसका कड़ा विरोध करेगा। बालगोपाल के अनुसार, इस कदम से राज्य के राजस्व संग्रह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वहीं, महाराष्ट्र ने भी ऐसे किसी प्रस्ताव का विरोध करने का ऐलान किया है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जिनके पास वित्त विभाग भी है, उन्होने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि मौजूदा कर प्रणाली को उन राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता बनाए रखने के लिए नहीं बदला जाना चाहिए जो पहले से ही कोविड -19 महामारी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हैं। संकट में हैं। उन्होंने मांग की है कि केंद्र को ईंधन पर लगने वाले करों को कम करना चाहिए ताकि लोगों को कीमतों में बढ़ोतरी से राहत मिल सके।

कोरोना की दवाओं पर छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोरोना से जुड़ी दवाओं पर जीएसटी में छूट जारी रहेगी। यह छूट 31 दिसंबर 2021 तक है। साथ ही जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी से छूट देने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि ज़ोलगेन्स्मा और विलटेप्सो दवाओं पर जीएसटी में छूट दी गई है। ये दोनों ही बेहद जरूरी दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए जीएसटी परिषद ने इन 2 दवाओं को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। वहीं, चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी में छूट नहीं दी गई है।

विशेष विकलांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दरों को भी घटाकर 5% कर दिया गया है। वहीं, फूड डिलीवरी ऐप्स को जीएसटी के दायरे में लाने पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। आपको बता दें कि देश में कोरोना महामारी फैलने के बाद परिषद की पहली बैठक हुई थी। अभी तक कोरोना काल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक हो रही थी।

1 लाख करोड़ से ज्यादा का किया कलेक्शन

पिछले अगस्त में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन 1.12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था। यह लगातार दूसरा महीना था जब जीएसटी संग्रह ने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया। अगस्त में जुटाई गई राशि हालांकि जुलाई 2021 में 1.16 लाख करोड़ रुपये से कम रही है। अगर एक साल पहले के अगस्त महीने की तुलना की जाए तो इस बार कलेक्शन में 30 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

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