केंद्र ने SC में दिया हलफनामा, राज्य सरकार न दें कांवड़ यात्रा की इजाजत, मंदिरों में करें गंगाजल का इंतजाम

राज्य सरकारें किसी भी हाल में कांवड़ियों को हरिद्वार से गंगाजल लाने की इजाजत नहीं दें, लेकिन लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि गंगाजल को टैंकरों के जरिए अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया जाए
केंद्र ने SC में दिया हलफनामा, राज्य सरकार न दें कांवड़ यात्रा की इजाजत, मंदिरों में करें गंगाजल का इंतजाम

डेस्क न्यूज़- कोरोना काल में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि राज्य सरकारें किसी भी हाल में कांवड़ियों को हरिद्वार से गंगाजल लाने की इजाजत नहीं दें, लेकिन लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि गंगाजल को टैंकरों के जरिए अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया जाए।

लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य हो

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अलग-अलग निर्धारित जगहों पर टैंकर उपलब्ध कराए जाएं ताकि श्रद्धालु गंगाजल लेकर पास के शिव मंदिर में अभिषेक कर सकें, साथ ही राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि शिव मंदिर के पास चिन्हित स्थानों पर गंगाजल उपलब्ध कराया जाए, जहां लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य हो, मास्क पहनना अनिवार्य हो साथ ही कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ हलफनामा दाखिल किया गया है

दरअसल, कोरोना महामारी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा की अनुमति दे दी है, यूपी सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा की अनुमति दिए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ हलफनामा दाखिल किया गया है, जिस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है,

बता दें कि यूपी सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा की अनुमति दिए जाने के बाद इस मामले में खुद सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है, जिसके बाद इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राज्यों को कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं देनी चाहिए, कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो भी गाइडलाइन जारी की गई है उस पर हम विचार करेंगे।

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