न्यूज़- बेंगलुरु में सात साल के बच्चे की मौत के पांच दिन बाद भी कोरोना रिपोर्ट अस्पताल की तरफ से नहीं दी गई है, जिसकी वजह से शव का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा रहा है और लाश परिवार के सदस्यों को नहीं दी गई है। मृतक बच्चे के पिता को दिन-रात इधर उधर घुमाया जा रहा है। इतना ही नहीं, बेटे के शव को फ्रीजर में रखने के लिए अस्पताल में बहुत सारा पैसा ले चूका है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, चित्रकार असलम पाशा का सात वर्षीय बेटा अबरार 2 जुलाई को सीढ़ियों से नीचे गिर गया। उन्हें घायल हालत में अस्पताल लाया गया, जहां दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। असलम का कहना है कि घायल होने पर एक निजी अस्पताल ने उनके बेटे को मुश्किल से भर्ती कराया था लेकिन वह बच नहीं सका।
अब वह उसे अपने हाथों से दफनाना चाहता है, लेकिन शव नहीं मिला रहा है। इसके लिए कोरोना की रिपोर्ट आने ले लिए कहा जा रहा है। वहीं, शव को फ्रीजर में रखने के लिए अस्पताल हर दिन 4 हजार रुपये ले रहा है। इस पैसे को देना एक मजदूर असलम के लिए मुश्किल हो रहा है।
परिवार का कहना है कि अस्पताल को इलाज के लिए 90 हजार रुपये और अब हर दिन चार हजार फ्रीजर के देने पड़ते हैं। एक हफ्ते से परिवार में मातम है लेकिन शव नहीं मिला है। अस्पताल का कहना है कि सैम्पल्स भेजे गए हैं लेकिन रिपोर्ट आना बाकी है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण देश के अस्पतालों में काफी अव्यवस्था है। कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें दिखाया गया है कि स्थिति खराब है। निजी अस्पतालों में अक्सर भारी बिल जमा करने के मामले आते हैं
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