वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन हुआ फिर सक्रियःलद्दाख बॉर्डर पर तान दिए और तंबू, सेना के लिए बनाए 8 जगहों पर कैंप

भारत से लगी सीमा पर पड़ोसी देश चीन फिर से सक्रिय हो गया है। 17 महीने पहले पूर्वी लद्दाख में हुई मुठभेड़ के बाद चीन एक बार फिर सीमा रेखा के पास अपनी सेना के लिए बंकर बना रहा है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पूर्वी लद्दाख के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास करीब 8 जगहों पर नए मॉड्यूलर कंटेनर (अस्थायी टेंट) की तरह रहने की व्यवस्था की है.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन हुआ फिर सक्रियःलद्दाख बॉर्डर पर तान दिए और तंबू, सेना के लिए बनाए 8 जगहों पर कैंप

भारत से लगी सीमा पर पड़ोसी देश चीन फिर से सक्रिय हो गया है। 17 महीने पहले पूर्वी लद्दाख में हुई मुठभेड़ के बाद चीन एक बार फिर सीमा रेखा के पास अपनी सेना के लिए बंकर बना रहा है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पूर्वी लद्दाख के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास करीब 8 जगहों पर नए मॉड्यूलर कंटेनर (अस्थायी टेंट) की तरह रहने की व्यवस्था की है.

भारत से लगी सीमा पर पड़ोसी देश चीन फिर से सक्रिय हो गया है

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उत्तर में काराकोरम दर्रे के पास वहाब जिल्गा से पीयू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगाँग, मांजा और चुरुप तक सैनिकों के लिए आश्रय स्थल बनाए हैं। प्रत्येक स्थान पर सात क्लस्टर में 80 से 84 कंटेनर बनाए गए हैं।

पिछले साल अप्रैल-मई में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बाद से चीन ने कई कैंप लगाए हैं. ये नए कैंप पुराने मौजूदा कैंपों के अलावा बनाए गए हैं। इससे साफ पता चलता है कि चीन का लंबे समय से सीमा से अपनी सेना को वापस बुलाने का कोई इरादा नहीं है।

सीमा पर तैनात दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक

भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख के पास सीमा रेखा पर 50-50 हजार सैनिकों को तैनात किया है। उनके पास हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी है। इस असहज स्थिति के बीच दोनों ओर की सेना नियमित रूप से बदलती रहती है।

चीन ने इस क्षेत्र में कई हवाई पट्टियां और नए हेलीपैड भी बनाए हैं

चीन ने इस क्षेत्र में कई हवाई पट्टियां और नए हेलीपैड भी बनाए हैं, जो लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले हुए हैं। इसके साथ ही चीन ने यहां अपने प्रमुख एयरबेस होतन, कशगार, गरगुनसा, ल्हासा-गोंग्गर और शिगात्से को भी अपग्रेड किया है।

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