ऑस्ट्रेलिया ने रद्द किया चीन के साथ ये समझौता, बढ़ सकता है दोनों देशों के बीच तनाव : ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ उसके महत्वाकांक्षी 'बेल्ट एंड रोड' परियोजना से जुड़े दो समझौतों को रद्द कर दिया है।
बुधवार को ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेराइस पेन ने चीन के साथ चार समझौतों को रद्द करने की घोषणा की
लेकिन उसमें बेल्ट एंड रोड परियोजना के दो समझौतों की ख़ासी चर्चा है।
दिलचस्प यह है कि यह दो समझौते ऑस्ट्रेलिया ने न करके उसके विक्टोरिया प्रांत ने 2018 और 2019 में चीन के साथ किए थे।
ऑस्ट्रेलिया की संघीय सरकार को दिसंबर में यह वीटो पावर दी गई थी
कि वह किसी प्रांत या विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए फ़ैसले को रद्द कर सकती है।
ऑस्ट्रेलिया ने रद्द किया चीन के साथ ये समझौता, बढ़ सकता है दोनों देशों के बीच तनाव : ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मेराइस पेन ने एक बयान जारी किया है,
जिसमें इसका कारण विदेश नीति बताया है।
उन्होंने कहा, "मैं इन चार समझौतों को ऑस्ट्रेलिया की विदेश नीति या हमारे विदेशी संबंधों के प्रतिकूल मानती हूँ।"
गुरुवार को विदेश मंत्री पेन ने एक बार फिर इस फ़ैसले पर सफ़ाई देते हुए कहा कि यह फ़ैसला विदेशी संबंधों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, इसका निशाना कोई देश नहीं है।
पेन ने एबीसी रेडियो के एएम कार्यक्रम में कहा कि विभिन्न प्रांतों से उन्हें कई विदेशी सरकारों के साथ समझौतों को लेकर ख़बरें मिली हैं
और नई नीति के तहत इसके लिए उनके पास वीटो पावर है।
उन्होंने कहा, "यह योजना ख़ासतौर से ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हित पर केंद्रित है।
पूरे ऑस्ट्रेलिया में यह हमारे विदेश संबंधों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए है न कि इसमें ख़ासतौर से किसी भी देश को लक्ष्य बनाया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया चीन के साथ संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध है
और 'दुनिया में हर कहीं की सरकार से हमारा निवेदन है कि वे हमारी सरकार के फ़ैसले लेने वाले प्राधिकरण का सम्मान करें।'
इस फ़ैसले के बुधवार को सार्वजनिक होने से पहले ही चीन ने इस पर अपनी आपत्ति ज़ाहिर कर दी।
ऑस्ट्रेलिया में चीन के दूतावास ने इसे 'चीन के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का उठाया गया एक और अनुचित और उत्तेजक क़दम' बताया था।
चीनी दूतावास ने अपने बयान में कहा, "यह दिखाता है कि चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को बेहतर बनाने में ऑस्ट्रेलियाई सरकार कोई ईमानदारी नहीं दिखा रहा है।"
चीनी दूतावास ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का नया क़दम द्विपक्षीय संबंधों को और नुक़सान पहुंचाएगा
और यह सिर्फ़ ख़ुद को नुक़सान पहुंचाकर समाप्त होगा।
दोनों देशों के रिश्ते अभी भी तनावपूर्ण चल रहे हैं और इसकी शुरुआत साल 2018 में तब हुई थी
जब ऑस्ट्रेलिया ने चीन की टेक कंपनी ख़्वावे पर 5जी नेटवर्क के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
ऐसा प्रतिबंध लगाने वाला ऑस्ट्रेलिया पहला देश था जिसके बाद कई पश्चिमी देशों ने भी ऐसा फ़ैसला लिया था।
इसके बाद रिश्ते तब और तनावपूर्ण हो गए जब ऑस्ट्रेलिया ने विश्व समुदाय से कोरोना वायरस महामारी के लिए चीन की स्वतंत्र रूप से जांच करने को कहा था।
चीन ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कड़े क़दम उठाते हुए उसके वाइन और कोयले के निर्यात पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव या 'वन बेल्ट, वन रोड' (OBOR) चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है।
चीन इस विशाल परियोजना को ऐतिहासिक 'सिल्क रूट' का आधुनिक अवतार बताता है।
सिल्क रूट मध्य युग में वो रास्ता था, जो चीन को यूरोप और एशिया के बाक़ी देशों से जोड़ता था।
इसके ज़रिए तमाम देशों का कारोबार होता था।