डेस्क न्यूज – चीन ने मंगलवार को भूटान में सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य (Sakteng Wildlife Sanctuary) पर अपने हालिया दावों का बचाव करने की मांग करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा का सीमांकन किया जाना बाकी है, इसी के चलते चीन ने भूटान के साथ सीमा विवाद को हल करने के लिए अब "पैकेज समाधान" का प्रस्ताव दिया है।
चीन ने हाल ही में वैश्विक पर्यावरण सुविधा Global Environment Facility (GEF) परिषद में भूटान में सक्तेग वन्यजीव अभयारण्य पर अपना दावा ठोका था और परियोजना के लिए विदेशों से मिलने वाली फंडिग का विरोध किया।
भूटान में अभयारण्य को लेकर चीन के दावे के बारे में पूछे जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा का सीमांकन किया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा, "चीन की स्थिति लगातार और स्पष्ट है। चीन और भूटान के बीच सीमा को सीमांकित नहीं किया गया है और मध्य, पूर्वी और पश्चिमी वर्गों में विवाद हैं। इसलिए, चीन विवाद को हल करने के लिए एक पैकेज समाधान 'Package Solution' की वकालत करता है,"
प्रवक्ता ने कहा "चीन बहुपक्षीय मंचों पर इन विवादों को मुद्दा बनाने का विरोध कर रहा है और चीन इस मुद्दे पर संबंधित पक्षों के साथ संचार में बना हुआ है,"
उन रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर कि भूटान के साथ सीमा विवाद में चीन नए क्षेत्रीय दावे कर रहा है, वांग ने कहा, "मैंने (पहले से) चीन की स्थिति स्पष्ट कर दी है"।
उन्होंने कहा, "चीन और भूटान के बीच सीमा का सीमांकन नहीं किया गया है। सीमा के मध्य, पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में विवाद हैं।" रिपोर्टों के अनुसार, नई दिल्ली में भूटान के दूतावास ने बीजिंग के दावे को लेकर चीनी दूतावास पर सीमांकन जारी किया।
जीईएफ परिषद् में भूटान सहित बांग्लादेश, मालदीव और श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करने वाले विश्व बैंक के भारतीय अधिकारी अपर्णा सुब्रमणि ने चीन के इस दावे को खारिज किया था, इसके बाद सकटेंग अभयारण्य के लिए वित्त पोषण को मंजूरी दी गई थी, वही भूटान ने भी चीन द्वारा किए गए दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
चीन और भूटान के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा आवधिक यात्राओं के माध्यम से संपर्क होता है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों ने 24 दौर की सीमा वार्ता की है। भूटानी क्षेत्र पर चीन का दावा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख में बीजिंग के आक्रामक कदमों के बीच आया था।
दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर दोनों में चीन आक्रामक रूप से लड़े गए क्षेत्रीय विवादों में लिप्त है। साथ ही चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। वही इसी क्षेत्र पर वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी अपना दावा जताते रहे है।
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