न्यूज़- भारत के एक डाबा चलाने वाले ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कानूनी नोटिस भेजकर एक अरब 38 करोड़ के मुआवजे की मांग की है। डाबा के निदेशक स्टेनली जॉन लुईस मध्य प्रदेश के जबलपुर के निवासी हैं। खुद को भारतीय गरीब पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, स्टेनली जॉन लुईस ने अपने वकील श्री कृष्ण मिश्रा के माध्यम से न केवल चीन के राष्ट्रपति को कानूनी नोटिस भेजा है, बल्कि इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में चुनौती देने की बात भी कही है।
जबलपुर के स्टेनली जॉन लुईस द्वारा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भेजे गए नोटिस में उन्होंने लिखा कि कोरोना संक्रमण चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ। इसलिए, चीन को एक अरब 38 करोड़ का मुआवजा देना चाहिए। मुआवजे का भुगतान नहीं करने पर, वे मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, हेग नीदरलैंड में ले जाएंगे।
स्टेनली जॉन लुईस, जो एमपी के जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास एक ढाबा चलाते हैं, ने इससे पहले 2006, 2008 में यूके सरकार को नोटिस भी भेजे थे। उस नोटिस में, स्टैनले ने कोहिनूर हीरे पर अपना अधिकार जताया। नोटिस में लिखा गया था कि कोहिनूर भारत सरकार का नहीं बल्कि उनकी पारिवारिक संपत्ति है। ब्रिटेन सरकार को उनका हीरा वापस करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने कई वर्षों तक कानूनी लड़ाई भी लड़ी।
स्टेनली जॉन लुईस ने कोहिनूर हीरे पर दावा करते हुए कहा कि ये उनके परदादा एलबर्ट लुईस (सन 1800) की धरोहर था, जिसे देश के बड़े बड़े राजा-महाराजा अपने कब्जे में करने के लिए लड़ते मरते रहे। जिसमें वे सफल हुए और एक दिन उनके खानदान की विरासत कोहिनूर को ईस्ट इंडिया कंपनी के हवाले कर दिया गया।
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