ख़ुफ़िया एजेंसी का दावा: भारत-चीन की झड़प में 35 चीनी सैनिक मारे गए

खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत-चीन की झड़प में मरने वालों में एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी भी शामिल, जो लोग मरे हैं उन पर लाठी-डंडे, चाकू से हमला किया गया है या फिर वो ऊंची चोटी से गिरकर मरे हैं।
ख़ुफ़िया एजेंसी का दावा: भारत-चीन की झड़प में  35 चीनी सैनिक मारे गए

न्यूज़- भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। 15 जून की रात को, दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 सैनिकों ने वीरगति प्राप्त की। वहीं, इस झड़प में पांच चीनी सैनिकों की मौत की खबर भी सामने आई थी। लेकिन इस बीच, यूएस खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने इस पूरे मामले पर एक बड़ा दावा किया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 35 चीनी सैनिक मारे गए हैं और घायल हुए हैं। मरने वालों में एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी भी शामिल हैं।

बातचीत के दौरान हुई झड़प

रिपोर्ट के अनुसार यह घटना उस वक्त हुई जब दोनों देशों के सैनिक हथियार पीछे करने को लेकर तैयार हुए और इस बात पर चर्चा कर रहे थे, कि कैसे दोनों देशों की सेनाएं इस इलाके से अपनी मौजूदगी को कम करेंगी। लेकिन बातचीत के दौरान माहौल उग्र हो गया और बात हिंसक झड़प में बदल गई। रिपोर्ट के अनुसार जो लोग मरे हैं उनपर लाठी-डंडे, चाकू से हमला किया गया है या फिर वो ऊंची चोटी से गिरकर मरे हैं। इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

कमांडिंग ऑफिसर की मौत

वहीं न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया, कि गलवान घाटी में झड़प के दौरान चीन की तरफ से एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल था। इस घटना में उसकी भी मौत हुई है। चीन की ओर बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टर्स और एंबुलेंस की आवाजाही दिख रही है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक हताहत हुए हैं। फिलहाल चीन की ओर से सैनिकों की मौत पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। साथ ही चीन अब फिर से बातचीत की बात कह रहा है।

4 भारतीय जवानों की हालत गंभीर

भारतीय सेना के अनुसार, सीमा पर डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान, चीनी सैनिकों ने धोखे से हमला किया। जिसमें वीरगति पर भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। सूत्रों के मुताबिक, झड़प में घायल हुए चार जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी चार जवानों का इलाज चल रहा है, लेकिन उनकी हालत काफी संवेदनशील है। 1975 के बाद यह पहली बार है जब चीन सीमा पर झड़प में जवानों की मौत हुई है।

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