छात्रों की सुनेंगे चीफ जस्टिस, क्या सीबीएसई की परीक्षाएं होने जा रही है रद्द ? : सीबीएसई 12वीं के एग्जाम को लेकर केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों में इस बीच ठनी हुई है जहां एक और केंद्र सरकार इसे जून में करवाने की तैयारी में लगी हुई है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्य इस बात पर अड़े हुए हैं कि बिना वैक्सीनेशन के स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए ना बुलाया जाए। मंगलवार को इस सूची में पंजाब और राजस्थान भी शामिल हो चुके हैं। वही, अब कोरोना महामारी और परीक्षा को लेकर एक नया मोड़ आ चुका है।
छात्रों की सुनेंगे चीफ जस्टिस, क्या सीबीएसई की परीक्षाएं होने जा रही है रद्द ? : मंगलवार को करीब 300 छात्रों ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने के लिए सीजेआई को पत्र भेजा है। अपने लेटर पिटिशन में इन स्टूडेंट्स ने कोरोना के बीच फिजिकल एग्जाम कराने का सीबीएसई का फैसला रद्द करने की मांग की है। कोरोना महामारी के बीच शारीरिक तौर पर बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ विद्यार्थी अब सीजेआई की शरण में पहुंच गए हैं।
स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को असेसमेंट का वैकल्पिक तरीका तय करने का निर्देश देने की भी अपील की है। विद्यार्थियों ने प्रधान न्यायाधीश से सीबीएसई और सरकार को परीक्षाओं के आयोजन की जगह वैकल्पिक मूल्यांकन योजना बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
छात्रों का कहना है कि इस कोरोनावायरस दौरान सैकड़ों छात्रों ने अपने माता पिता को खो दिया है। ऐसे में इस समय फिजिकल परीक्षा कराना ना सिर्फ लाखों छात्र और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी जाए मानसिक और सारे परेशानी का सबब है।
1. 18 साल का 6 महीना पूरा कर चुके 12वीं के छात्रों को भी 18 से 44 वाले ग्रुप में शामिल कर वैक्सीन दी जाए।
2. केंद्र सरकार 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए एप्रूव्ड वैक्सिंग को भारत के बच्चों के लिए खरीदें।
3. अगर वैक्सीनेशन का विकल्प मौजूद ना हो तो इस साल बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी जाए।