डेस्क न्यूज़ – राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने देश की राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान
26 जनवरी को हुई घटना की निंदा की और न्यायिक जांच की मांग की, सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि
लंबा आंदोलन देश के हित में नहीं है, आंदोलन को हल किया जाना चाहिए, गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री
को खुद इस मामले पर किसानों से बात करनी चाहिए।
मैं समझता हूँ अब भी मौक़ा है कि प्रधानमंत्री जी स्वयं किसानों को बुलाकर बातचीत करें, रास्ता कोई निकल सकता है, लम्बे समय तक इस प्रकार का आंदोलन उचित नहीं कहा जा सकता और देश के हित में भी नहीं है। मैं उम्मीद करता हूँ प्रधानमंत्री जी खुद गौर करेंगे।
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 30, 2021
26 जनवरी की घटना निंदनीय है-गहलोत
गहलोत ने शनिवार को जयपुर में कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, 26 जनवरी की घटना निंदनीय है,
जब वह आंदोलनकारियों और स्थानीय लोगों के सामने आए, तो उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा पर
आरोप लगाया जा रहा है, इसकी भी जांच होनी चाहिए, इससे पहले भी किसान आंदोलन को लेकर गहलोत
लगातार केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते रहे हैं।
कल राजस्थान और हरियाणा सीमा के 42 गाँवों की महापंचायत हुई थी
गौरतलब है कि 26 जनवरी की घटना के बाद अब कुछ दूरी पर बैठे किसानों का विरोध भी शुरू हो गया है,
राजस्थान-हरियाणा राजमार्ग पर राजस्थान और हरियाणा सीमा पर अलवर जिले के शाहजहाँपुर में किसानों
के रोके जाने का स्थानीय ग्रामीणों ने भी विरोध शुरू कर दिया है, इस पर शुक्रवार को दोनों राज्यों की
सीमाओं पर स्थित 42 गांवों की महापंचायत हुई।
शाहजहांपुर सीमा पर हंगामा होने की संभावना है
इस महापंचायत में ग्रामीणों ने फैसला किया है कि अगर राजस्थान और हरियाणा की सरकार किसानों को
राजमार्ग से हटा देती है, तो ठीक है अन्यथा रविवार को ही उन्हें राजमार्ग साफ़ हो जाएगा, इन गांवों के
प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे पहले वे दोनों राज्यों की सरकार से राजमार्ग को खाली करने के बारे में बात करेंगे,
इसके लिए एक समिति भी बनाई गई है, 42 गांवों की महापंचायत के इस फैसले के बाद से शाहजहांपुर सीमा पर
हंगामा होने की संभावना बन गई है।