देश भर में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के शेष चरणों के लिए प्रचार नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने राज्य में होने वाली अपनी सभी रैलियों को रद्द कर दिया है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को इस पर विचार करने की सलाह भी दी है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, " कोविड की स्थिति को देखते हुए,
मैं पश्चिम बंगाल में अपनी सभी सार्वजनिक रैलियों को स्थगित कर
रहा हूं।मैं सभी राजनीतिक नेताओं को मौजूदा परिस्थितियों में बड़ी
सार्वजनिक रैलियों के आयोजन के परिणामों के बारे में गहराई से सोचने की सलाह दूंगा।
राजनीतिक दलों को ऐसे समय में इन रैलियों से जनता और देश के लिए खतरे के बारे में सोचना चाहिए।
गौरतलब है कि रैलियों के आयोजन के लिए कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री शाह को घेरती रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि महामारी से निपटने के बजाय,
प्रधानमंत्री बंगाल में अभियान चलाकरचौंकाने वाली संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं।
चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को दिल्ली में रहना चाहिए और मुख्यमंत्रियों के साथ समन्वय करके कोरोना से निपटना चाहिए।
रविवार को राहुल गांधी ने एक ट्वीट में पीएम मोदी पर निशाना साधा,जिसमें बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी रैली में इतनी भीड़ है कि जहां तक उनकी नजर जा रही है, लोग ही लोग दिख रहे हैं। पीएम मोदी के भाषण का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल है और इस संदर्भ में राहुल गांधी ने ट्वीट किया और लिखा- बीमारों और मृतकों की भी इतनी भीड़ पहली बार देखी है।
तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच वाम दलों ने राज्य में बड़ी रैलियों का आयोजन नहीं करने का फैसला किया, जिसके बाद तृणमूल नेता और राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि पार्टी कोई बड़ी रैली नहीं करेगी। मंत्री चट्टोपाध्याय भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने के बाद, इस सीट को बचाने की जिम्मेदारी मंत्री शोभनदेब की है।
दरअसल, देश में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ रहा है। हर दिन, अब हर दिन दो लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में बंगाल में चुनावी रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएँ हो रही हैं। सोशल मीडिया पर भाजपा की चुनावी रैलियों को भी निशाना बनाया जा रहा है और लोग इसे प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं।