डेस्क न्यू़ज़- कोरोना संकट से जूझ रहे भारत की मदद के लिए दुनिया भर के कई देशों ने हाथ बढ़ाया है। लेकिन इस सब के बीच में, एक ऐसा देश है जिसने अपनी उदारता के साथ कई महाशक्ति देशों को आईना दिखाने का काम किया है। भारत ने भी इस देश को आर्थिक और सामान देकर कई बार मदद की है। हाल ही में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस देश में भारत की मदद से निर्मित मेट्रो सेवा का उद्घाटन किया। भेंट किए 200 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर्स ।
जी हां, इस देश का नाम मॉरीशस है, जिसने संकट के
समय भारत को 200 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर्स भेजे है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस बहुमूल्य उपहार के लिए
मॉरीशस सरकार को धन्यवाद भेजा है। मॉरीशस के साथ
भारत की दोस्ती इसलिए भी खास है क्योंकि चीन ने भी इस
देश पर बहुत दबाव डाला है। इसके बावजूद, इस देश ने भारत के साथ अपने संबंधों को पहली प्राथमिकता दी है।
मॉरीशस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर में स्थित है। इस क्षेत्र के माध्यम से, हर साल अरबों डॉलर का व्यापार होता है। अफ्रीकी महाद्वीप के करीब होने के कारण, इस देश से हिंद महासागर के एक बड़े क्षेत्र की निगरानी की जा सकती है। इस देश के पास रियूनियन द्वीप है, जिस पर फ्रांस का कब्जा है। फ्रांस द्वीप पर एक बड़ा सैन्य अड्डा रखता है। मॉरीशस के उत्तर-पूर्व में डिएगो गार्सिया है, जहां अमेरिकी और ब्रिटिश मिलिट्री का बेस है।
भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों की मजबूती इस तथ्य से समझी जा सकती है कि यह देश 12 मार्च को गांधी के नमक सत्याग्रह की वर्षगांठ मनाता है। मॉरीशस का मानना है कि यह इस प्रेरणा के कमाल थी कि उन्हें 1968 में अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली थी। भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता, ब्लू ओशन इकनॉमी, समुद्री सुरक्षा, एंटी पायरेसी ऑपरेशन जैसे कई महत्वपूर्ण अभियानों में मॉरीशस हमेशा भारत के साथ रहा है।
भारत ने मॉरीशस को दिए गए $ 353 मिलियन के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से वर्ष 2016 में न्यू मॉरीशस सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग प्रोजेक्ट शुरू किया। इस भवन का उद्घाटन वर्ष 2020 में किया गया था। इसके अलावा, मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में भारत की मदद से मेट्रो एक्सप्रेस सेवा शुरू की गई थी। इसके अलावा, भारत के सहयोग से एक 100-बेड का अत्याधुनिक ईएनटी अस्पताल भी बनाया गया है। भेंट किए 200 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर्स ।