टूलकिट के ज़रिये हिंदू धर्म और कुंभ मेले को बदनाम करने की साजिश : बाबा रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने आम जन का आह्‌वान किया कि ऐसी ताकतों के बहकावे में न आएं और इनका बहिष्कार करें।
टूलकिट के ज़रिये हिंदू धर्म और कुंभ मेले को बदनाम करने की साजिश : बाबा रामदेव

डेस्क न्यूज़: देश में इस समय राजनैतिक घमासान जोरों से चल रहा है। टूलकिट विवाद में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे पर लगातार आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है।

अब योग गुरु बाबा रामदेव भी इस राजनैतिक घमासान में कूद गए है।

बाबा रामदेव ने टूलकिट को कुंभ और हिंदू धर्म की छवि खराब करने की राजनीतिक साजिश बताया है।

ऐसे आरोप लगाना 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान करना है; बाबा राम देव

योग गुरु बाबा रामदेव ने एक वीडियो के जरिए जारी बयान में आम लोगों से ऐसी ताकतों के बहकावे में नहीं आने और उनका बहिष्कार करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि मैं इस तरह का दुष्प्रचार करने वाले लोगों से अपील करता हूं कि 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान न करें।

यह न केवल गलत है, बल्कि घृणित और पतित सोच का परिणाम भी है।

वहीं पंचदशनम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि बढ़ते संक्रमण को कुंभ का श्रेय देना गलत है। उन्होंने आग्रह किया कि कुंभ का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

कुंभ के दौरान और उसके 20 दिन बाद तक कोई कोरोना संक्रमण नहीं फैला: स्वामी अवधेशानंद गिरि

बुधवार को दोनों संतों ने टूलकिट मामले में इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि ऐसे मुश्किल समय में एकजुट होकर महामारी से लड़ने की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए बकवास फैला रहे हैं।

आरोप है कि इसमें देश-विदेश के प्रभावशाली लोग और कुछ राजनीतिक दल भी शामिल हैं।

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने आरोप लगाया कि तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए देश की संस्कृति, रीति-रिवाजों, आस्था और परंपराओं को कलंकित करने का काम किया जा रहा है। यह सही नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि हरिद्वार में कुंभ के दौरान और उसके 20 दिन बाद तक कोई कोरोना संक्रमण नहीं फैला।

संक्रमण बढ़ने पर संतों और अखाड़ों ने जनस्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए कुंभ को समय से पहले ही समाप्त करने की घोषणा कर दी थी।

ये सही है की देश में महामारी के दौरान राजनीती करना गलत है।

देश में इस दौरान ऐसी राजनीती किसी आग में घी डालने से काम नहीं है।

इस समय हम सभी को मिलकर इस महामारी को हराना है न की एक दूसरे पर अपने राजनैतिक फायदों के लिए खेल खेलना है।

ये सरासर गलत है।

अब बात करते है क्या सच में कुंभ के दौरान संक्रमण सच में फैला की नहीं

27 अप्रैल, 2021 को उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का चौथा और अंतिम शाही स्नान संपन्न हुआ था।

चौथा शाही स्नान प्रतीकात्मक था। दोपहर 2 बजे तक करीब 23 हजार लोग कुंभ स्नान करने पहुंचे थे।

अगर आकड़ो को देखते हुए बात करे तो कुंभ मेला खत्म होते-होते आखिरकार हरिद्वार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया था।

डेढ़ महीने पहले जहां एक दिन में कोरोना संक्रमितों की संख्या दहाई अंक में थी।

उसी शहर में कुंभ ख़तम होने के बाद से प्रतिदिन कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 1000 को पार कर गई।

कुंभ मेले के दौरान दो अहम शाही स्नान 12 और 14 अप्रैल को हुए। 12 अप्रैल और 14 अप्रैल दोनों शाही स्नान के दर्मियान हरिद्वार में एक दिन में औसत कोरोना संक्रमितों के मिलने की संख्या 500 संक्रमितों तक पहुंच गई थी।

अब ये कोई संयोग है या सच्चाई ये आप खुद इसका अंदाज़ा लगा सकते है।

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