कोरोना को लेकर रिसर्च में बड़ा दावा, 14 से 18 मई के बीच होगा दूसरी लहर का पीक : देश में कोरोना का प्रकोप अपने चरम की ओर पहुंचता जा रहा है।
लगातार बढ़ते मामलों से हर दिन रिकार्ड बन रहा है।
दूसरी लहर ज्यादा संक्रामक और खतरनाक सिद्ध हो रही है।
इन सब के बीच आईआईटी के वैज्ञानिकों ने रविवार को एक गणितीय मॉडल के आधार पर कोरोना के पीक टाइम को रिवाइज किया।
दरअसल, वैज्ञानिकों ने यह समझने की कोशिश की कि देश में कोरोना का कहर किस समय अपने चरम पर होगा
और आने वाले समय में एक दिन में इसके कितने एक्टिव (सक्रीय) व नए मामले सामने आएंगे।
कोरोना को लेकर रिसर्च में बड़ा दावा, 14 से 18 मई के बीच होगा दूसरी लहर का पीक :
अपने स्टडी के आधार पर वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है
कि अगले 10 दिनों में कोरना का कहर अपने पीक पर होगा
और रोजाना इसके 4.4 लाख नए मामले सामने आएंगे। वहीं, 14 से 18 मई के दौरान 38 से 48 लाख एक्टिव केस हो सकते हैं। यह एक्टिव केस का पीक टाइम बताया गया है।
आईआईटी कानपुर के मणींद्र अग्रवाल ने रविवार को एक ट्वीट के जरिये कहा, 'मैंने अब पीक टाइम के लिए कई वेल्यूज की गणना की है और लास्ट फेज इस सीमा के भीतर होनी चाहिए इस अनिश्चितता का कारण लास्ट फेज तक लगातार बदलना है।' अग्रवाल ने अपने ट्वीट में बताया कि कोरोना के एक्टिव मामलों की पीक टाइमिंग 14-18 मई और नए मामलों के लिए 4-8 मई के बीच होगी। पीक टाइमिंग में एक्टिव केस 38-48 लाख होंगे जबकि नए मामले 3.4 से 4.4 लाख होंगे।
पीक टाइमिंग और वैल्यू प्रीडिक्शन अपडेट के बाद कहा जा सकता है कि भारत में एक्टिव केस की संख्या में गिरावट आने से पहले मई के मध्य तक लगभग वृद्धि होती रहेगी। मौजूदा मॉडल के ट्रेंड के अनुसार मध्य-मई का पीक पिछले साल 17 सितंबर के 10 लाख से अधिक सक्रिय मामलों के पहले पीक की तुलना में लगभग चार गुना अधिक होगा। रविवार को भारत में कुल एक्टिव केस की संख्या 26 लाख 82 हजार 751 हो गई।
एक अप्रैल को इस मॉडल में 15-20 अप्रैल के बीच एक्टिव केस के पीक का अनुमान लगाया था, जिसमें एक्टिव केस की संख्या 10 लाख होने की संभावना थी। यह आंकाड़ा पिछले साल सितंबर के पीक के बराबर था। हालांकि, इन आंकड़ों को बाद में पिछले हफ्ते संशोधित किया गया था, जिसमें 33 से 35 लाख एक्टिव केस के साथ 11 से 15 मई के बीच पीक पर पहुंचने संभावना का अनुमान लगाया गया था।