डेस्क न्यूज़: पुलिसकर्मी की कोरोना से मौत हुई तो उस जिले के एसपी की अब खैर नहीं, सम्बंधित अफसर को अब तुरंत बर्खास्त किया जायेगा। बटालियन में दुर्घटना होने पर संबंधित कमांडेंट पर कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में डीजीपी विवेक जौहरी के अल्टीमेटम से अफसर सकते में हैं। थाना स्तर पर कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर में पुलिसकर्मियों की मौत के आंकड़ों से गृह मंत्रालय सदमे में है। डीजीपी विवेक जौहरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस संबंध में सभी आईजी, डीआईजी और एसपी को निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि कर्मियों की देखरेख की जिम्मेदारी एसपी की होती है। संक्रमित पुलिसकर्मियों के इलाज में कोई लापरवाही न हो, यह भी एसपी का काम है। डीजीपी ने यह भी कहा कि यदि कर्मचारी आईसीयू, वेंटिलेटर या ऑक्सीजन सपोर्ट पर है तो उसकी देखभाल के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा और मुख्यालय को दैनिक रिपोर्ट भेजेगा। इस आदेश के बाद एसपी ने थाना प्रभारी को कर्मचारियों की देखरेख का जिम्मा सौंपा है। टीआइ प्रतिदिन होने वाली गणना में चर्चा कर रहे है।
कुल संक्रमितः 879
पहली लहर में संक्रमित-435
मौत- 3
दूसरी लहर में मौत-3
वर्तमान में संक्रमितों की संख्या-12
इधर, पुलिस लाइन के कोविड-19 अस्पताल से 290 पुलिसकर्मी व उनके परिजन कोरोना से ठीक होकर घर पहुंचे। आरआई जय सिंह तोमर के मुताबिक, कई पुलिसकर्मी गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे जिन्हें तत्काल ऑक्सीजन की जरूरत थी। डॉ. दिनेश आचार्य और डॉ राजेश सहाय (एसीपी डीएसबी) ने मरीजों की देखभाल की। आरआई के मुताबिक, उस वक्त डॉ. आचार्य की पत्नी अरबिंदो अस्पताल में भर्ती थीं और डॉ. सहाय का बेटा होम आइसोलेशन में था।
डॉक्टरों के मुताबिक अस्पताल में 24 घंटे नर्स और ड्यूटी डॉक्टर थे। बड़े अस्पतालों में मिलने वाली दवाएं और सुविधाएं भी मिलीं। ज्यादा संक्रमण होने के कारण करीब 12 मरीजों को रेमडेसिविर के इंजेक्शन भी लगाने पड़े। अस्पताल फिलहाल खाली है और कुछ संक्रमित पुलिसकर्मियों का घर पर ही इलाज चल रहा है।