कोरोना के बीच जाहिलियत की हद , पानी की जगह थूककर बाल काटता जावेद हबीब , तालियां बजाती महिलाएं

पैसा फैशन और एजुकेशन ये सब मिल कर दिखावटी समाज में आपका ओहदा तय करते हैं। अगर बात सपनो की नगरी मुंबई की हो तो इन सब के बिना आप एक असभ्य गरीब और लोअर क्लास व्यक्ति घोषित कर दिए जाते हैं
JAVED HABIB SPITTING ON WOMAN HAIR BEFORE CUTTING 

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पैसा फैशन और एजुकेशन ये सब मिल कर दिखावटी समाज में आपका ओहदा तय करते हैं। अगर बात सपनो की नगरी मुंबई की हो तो इन सब के बिना आप एक असभ्य गरीब और लोअर क्लास व्यक्ति घोषित कर दिए जाते हैं , और उस पर भी आप अगर कोई मामूली से कपडे में किसी गांव या देहात से जुड़े व्यक्ति हों तो आप को आराम से ये स्वघोषित ऊँची क्लास वाले लोगों का समूह गंवार और जाहिल की संज्ञा दे देगा।

लेकिन असली जाहिल किसे कहते हैं ?

ये सवाल का जवाब आप स्वयं सोचिये , एक कच्चे घर में नहा धो कर ही रसोई में घुसने की इजाजत देने वाली नारी की हठधर्मिता जाहिलियत है या फिर कोरोना के फैलते प्रकोप के बीच एक स्वघोषित प्रभावशाली सैलून चैन के मालिक जावेद हबीब के पानी की जगह महिला के बालों पर थूक कर बाल काटने पर महिलाओं के झुण्ड का तालिया BAJANA और हूटिंग करना जाहिलियत है।

क्या है पूरा मामला

जावेद हबीब एक जानामाना देश हेयर ड्रेसर है। जिसके देश भर में लम्बी सलून चेन है। खुद को मोस्ट इन्फ्लुएंस्ड ब्रांड का तमगा देने वाले इस व्यक्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि काफी सारी महिलाओं के सामने स्टेज पर एक महिला बैठी हुई है। इस महिला के बाल काटने के दौरान जावेद हबीब कहता है कि अगर पानी न हो तो , और उस महिला के बालों पर दो बार थूंकता है। उसके इस कृत्य पर बाल कटवा रही महिला जहां मुस्करा रही होती है वही नीचे बैठी महिलाएं तालियां बजा कर और हूटिंग कर के उसके इस कृत्य को प्रोत्साहित और समर्थन प्रदर्शित करती हैं।

ये कैसी जाहिलियत है आखिर ?

कोरोना को लेकर देश में हाहाकार मच चुका है एक दिन में 58000 से भी ज्यादा केस आ रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग , दो गज की दूरी मास्क है जरूरी जैसे कॉलरट्यून सुन सुन कर आप भी थक चुके होंगे। लेकिन पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में जो मौत का तांडव हुआ उससे हमारे देश के सेलिब्रिटी वर्ग को कोई एहसास नहीं होता कि उनकी इस देश और समाज के प्रति क्या जिम्मेदारी है।

जहां कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी पार्टियां आयोजित कर कोरोना स्प्रेडर की भूमिका बड़ी लगन से निभा रहे हैं। वहीं जावेद हबीब जैसे फैशन आइकॉन का यूँ बालों में पानी जगह थूक का प्रयोग करना और उस पर वहां बैठी महिलों का तालियां बजा कर इस जाहिलियत को समर्थन देना कहीं न कहीं ये साफ़ जाहिर करता है की हाइजीन , और सभ्यता का एजुकेशन , अमीर होने और सेलिब्रिटी होने से कोई सम्बन्ध नहीं। अब आप तय करें कि आपका आइकॉन कौन होगा ऐसे जाहिल सेलिब्रिटी या फिर साफ सफाई का हमेशा ध्यान देने को 100 दफा समझने वाले आपका परिवार।

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