राजस्थान की 76% आबादी में विकसित हो चुकी है कोरोना की एंटीबॉडी, ICMR की सीरो सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

तीसरी लहर की इन्हीं आशंकाओं के बीच अच्छी खबर है कि राजस्थान के 76 फीसदी लोगों में कोरोना में वायरस की एंटीबॉडी बन चुकी हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा पिछले महीने किए गए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
राजस्थान की 76% आबादी में विकसित हो चुकी है कोरोना की एंटीबॉडी, ICMR की सीरो सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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डेस्क न्यूज़- राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर ने जबरदस्त कोहराम मचा दिया। सितंबर, अक्टूबर तक तीसरी लहर आने की भी संभावना है। तीसरी लहर की इन्हीं आशंकाओं के बीच एक अच्छी खबर यह है कि राज्य के 76 फीसदी लोगों में कोरोना में वायरस की एंटीबॉडी बन चुकी हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा पिछले महीने किए गए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस मामले में जानकारों का कहना है कि ये आंकड़े राजस्थान के लिए अच्छे हैं, लेकिन सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।

MP के बाद दूसरे नंबर पर राजस्थान

रिपोर्ट के अनुसार जून-जुलाई में राजस्थान के विभिन्न शहरों से कुल 1226 रैंडम सैंपल लिए गए। जब इन नमूनों का परीक्षण किया गया, तो 934 की रिपोर्ट में एंटीबॉडी पाई गई। इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में राज्य के लोगों में कोविड एंटीबॉडी की उपस्थिति का संकेत दिया गया है, जिसका अर्थ है कि राजस्थान में दर्ज आंकड़ों की तुलना में मामले बहुत अधिक थे। राजस्थान के हालात को देखते हुए मार्च के आखिरी हफ्ते में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी थी। सीरो सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में सबसे ज्यादा एंटीबॉडी मध्य प्रदेश के लोगों में पाई गई है, जहां 79 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई। मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर आता है। इसी तरह सबसे कम एंटीबॉडी केरल में 44 फीसदी लोगों में पाई गई है।

ढाई महीने में प्रदेश में मिले 6.17 लाख मरीज

राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ढाई महीने (अप्रैल, मई और मध्य जून तक) में करीब 6.17 लाख पॉजिटिव केस मिले। इस बीच 6 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। दूसरी लहर में जयपुर में सबसे ज्यादा 1.25 लाख लोग पॉजिटिव आए। इसके अलावा बीकानेर में भी कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक मामला सामने आया था।

तीसरी लहर से बचने की जरुरत?

इस मामले में राजस्थान के सीनियर श्वसन रोग विशेषज्ञ और एसएमएस हॉस्पिटल के पूर्व सुपरिंटेंडेंट डॉ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि 76 फीसदी एंटीबॉडी एक अच्छा संकेत है, लेकिन हमें अभी भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाना है और सबसे जरूरी है कि मास्क पहनना बंद न करें। क्योंकि कोरोना एक ऐसा वायरस है जिसका रूप बार-बार बदल रहा है। अगर थर्ड वेव में ऐसा वैरिएंट आता है, जो शरीर में बनी इम्युनिटी को भी तोड़ देता है तो यह समस्या बन सकती है।

किस राज्य में कितनी एंटीबॉडी

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 79, राजस्थान में 76.2, बिहार में 75.9, गुजरात में 75.3, छत्तीसगढ़ में 74.6, उत्तराखंड में 73.1, उत्तर प्रदेश में 71 और आंध्र प्रदेश में 70.2 प्रतिशत एंटीबॉडी पाई गई हैं। इसी तरह कर्नाटक में 69.8, तमिलनाडु में 69.2, ओडिशा में 68.1, पंजाब में 66.5, तेलंगाना में 63.1, जम्मू-कश्मीर में 63, हिमाचल में 62, झारखंड में 61.2, पश्चिम बंगाल में 60.9, हरियाणा में 60.1, महाराष्ट्र में 58, असम में 50.3 और केरल में 44.4% लोगों में एंटीबॉडी मिली हैं।

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