न एम्बुलेंस और न ही ऑक्सीजन, बेटे ने जुगाड लगाया और कोरोना संक्रमित मां को ऐसे लाया मौत के मुंह से बाहर
डेस्क न्यूज़- करोना संक्रमण का सामना कर रहे रोगियों के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में, मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलती है और शहर तक जाने के लिए एम्बुलेंस भी नही मिलती है। जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र के टापू गाँव में कोरोना से संक्रमित अपनी माँ के जीवन को बचाने के लिए, एक युवक बेहतरीन जुगाड़ का उपयोग करके उसे इलाज के लिए जोधपुर लाया। युवक ने इस प्रयास से मां को मौत के मुह से बाहर निकालने में कामयाब रहा।
ग्रामिणों क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव
जोधपुर शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी, कोरोना तेजी से बढ़ने लगा है,
लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को जोधपुर
आना पड़ता है। लेकिन ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या एम्बुलेंस है। ग्रामीण
क्षेत्रों में एम्बुलेंस आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में जिन मरीजों को ऑक्सीजन के
साथ जोधपुर पहुंचाया जाना है, वे यहां तक कैसे पहुंच सकते हैं?
क्या हैं पूरी घटना
एक कोविड रोगी को ओसियां तहसील के टापू गाँव से जोधपुर लाया जाना था। लेकिन एंबुलेंस नही मिल पाई गई। बुद्धाराम विश्नोई ने मां को बचाने के लिए अपना दिमाग लगाया और उसे ऑक्सीजन के सहारे जोधपुर ले आया। अपनी माँ की तबियत खराब होने पर वह अपने बहनोई से ऑक्सीजन जनरेटर ले आया। लेकिन इसके बावजूद, माँ के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। बिजली के बिना ऑक्सीजन जनरेटर काम नहीं करता और रास्ता भी लंबा था।
ऐसी स्थिति में, उन्होंने एक जनरेटर की व्यवस्था की। मां को एक पिकअप में आगे की सीट पर बैठाया। ऑक्सीजन जनरेटर को पीछे रखा। पिकअप के पीछे बिजली आपूर्ति के लिए एक जनरेटर जोड़ा गया। इसके इसके जरिए माँ को पूरे रास्ते निर्बाध रूप से ऑक्सीजन मिलती रही और वह महात्मा गांधी अस्पताल पहुँचे। हालाँकि, महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती होने के लिए युवक को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। लगभग तीन घंटे के प्रयास के बाद, वह अपनी माँ को भर्ती करवाने में सफल हुआ। इस दौरान, उसने अस्पताल परिसर में मां को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए जनरेटर चालू किया। अब तबीयत सुधर रही है।