CoronaVirus : 57 साल का एक शख्स जन्मजात हार्ट डिफेक्ट से पीड़ित था। सडन कार्डिएक अरेस्ट की वजह से उनके एक भाई और बहन की मौत हो चुकी थी। उन्हें अभी तक कोई दिक्कत नहीं हुई, कभी भी हार्ट रेट नहीं बढ़ा, लेकिन जैसे ही वह कोरोना संक्रमित हुए, उनके शरीर में शांत पड़ा जीन एक्टिव हो गया।
जीन एक्टिव होते ही मरीज के हार्ट की धड़कन तेज हो गई। धड़कन इस स्तर पर पहुंच गई कि उसे कंट्रोल करने के लिए करंट देना पड़ा। डेढ़ महीने तक मरीज कोविड पॉजिटिव रहा, लंबे समय तक वायरस उनके शरीर में एक्टिव रहा।
जैसे ही वह निगेटिव हुए, दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट की टीम ने एआईसीडी मशीन लगाकर मरीज की जान बचाने में सफलता प्राप्त की। कोरोना का हार्ट पर ऐसा असर पहली बार देखा गया है। यूरोपियिन हार्ट जरनल ने इस केस स्टडी को अपने हाल के अंक में पब्लिश भी किया है।
जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर सैबल मुखोपाध्याय ने कहा कि कोरोना एक ऐसा वायरस है, जिसका लंग्स पर जयादा असर देखा गया है। लेकिन, यह वायरस न केवल लंग्स, हार्ट, किडनी, लिवर को डैमेज कर बीमार कर सकता है। बल्कि शरीर में शांत पड़े जीन को भी एक्टिव कर हार्ट की बीमारी से जुड़ी समस्या पैदा कर देता है। इस केस में हमने देखा कि जिस मरीज में जन्म से हार्ट डिफेक्ट था, लेकिन उन्हें अभी तक कुछ नहीं हुआ। कभी उनकी धड़कन नहीं बढ़ी।
उन्हें हार्ट की कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन जैसे ही उनके शरीर में कोरोना गया, इस वायरस ने उनके शांत पड़े जीन को एक्टिव कर दिया, जो यह दर्शाता है कि यह वायरस कहीं पर भी पहुंच सकता है। किसी को भी, कोई भी बीमारी दे सकता है। इसलिए जरूरी है कि वायरस से बच कर रहें।
इस बारे में जीबी पंत के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जमाल युसूफ ने कहा कि मरीज को दो बार वेंट्रिकुलर ट्रायकार्डिया का एपिसोड हो चुका था। तीसरी बार उन्हें अस्तपाल के इमरजेंसी में हुआ। डॉक्टर ने कहा कि जब मरीज की ईसीजी की, तो हमने पाया कि उनमें हार्ट डिजीज का खतरा जन्म से था।
उनमें जेनेटिक डिफेक्ट था, लेकिन अभी तक उन्हें कुछ नहीं हुआ था। जब हमने मरीज की हिस्ट्री ली, तो पता चला कि उनके एक भाई और एक बहन की मौत इसी डिफेक्ट की वजह से हो चुकी है। डॉक्टर ने कहा कि हमने तुरंत मरीज की कोविड जांच की तो वह पॉजिटिव मिले।
डॉक्टर जमाल ने कहा कि उन्हें न तो फीवर था और न ही खांसी, लेकिन कोविड पॉजिटिव निकले। इस वायरस की वजह से शरीर के अंदर साइटोकाइन रिलीज हुआ और उसने पहले से हार्ट डिजीज के खतरे को एक्टिव कर दिया। जिससे उनकी धड़कन बढ़ रही थी।
डॉक्टर जमाल ने कहा कि इससे पहले जीबी पंत अस्पताल ने ही एक रिपोर्ट के जरिए बताया था कि कोविड की वजह से हार्ट रेट कम हो जाता है और कई मरीजों में पेस मेकर लगाने की जरूरत पड़ी। लेकिन, इस मरीज में इस वायरस ने हार्ट रेट कम करने की बजाए बढ़ा दिया। उनकी धड़कन तेज कर दी।