नए वैरिएंट के संबंध में यह एनआईवी अध्ययन ऑनलाइन जर्नल बायोरेक्सिव में प्रकाशित हुआ है। एनआईवी अध्ययन में पाया गया है कि यह संस्करण लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। इससे संक्रमित मरीजों में कोरोना के गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नए वेरिएंट B.1.1.28.2 का प्रमुख लक्षण वजन कम होना है। इससे संक्रमित मरीज का वजन अचानक कम होने लगता है। यदि इसका संक्रमण तेजी से फैलता है तो श्वसन तंत्र प्रभावित होता है और साथ ही रोगी के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह फेफड़ों में घाव कर देता है और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाता है
एनआईवी का कहना है कि इस नए वैरिएंट पर मौजूदा टीका प्रभावी है या नहीं, यह देखने के लिए स्क्रीनिंग की जरूरत है। हालांकि एनआईवी के एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन इस वेरिएंट पर भी प्रभावी है, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी इस नए वेरिएंट को निष्क्रिय कर सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि कोरोना का रूप चाहे कितना भी खतरनाक क्यों न हो, इससे बचने का एक ही उपाय है कि कोविड उचित व्यवहार का पालन करें। मास्क पहनें, बेवजह घर से बाहर न निकलें, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें या सैनिटाइज करते रहें और सबसे महत्वपूर्ण लोगों से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखें। ये उपाय आपको कोरोना संक्रमण से बचा सकते हैं।