कोरोना एक बार फिर अपने पैर पसारने लगा है और इस बार उसके निशाने पर है हमारे मासूम। आये दिन बच्चों में कोरोना सक्रंमण के मामले सामने आ रहे है। बात करें राजस्थान की तो, प्रदेश में स्कूली बच्चों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। राजधानी जयपुर के निजी स्कूलों में कोविड केस मिलने के बाद अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है। अभिभावक ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर स्कूल संचालक इससे सहमत नहीं हैं। आज हुई बैठक में शिक्षा विभाग ने भी कोविड के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने कोविड मामलों को गंभीरता से लेते हुए पूरा फीडबैक लिया। शिक्षा विभाग की बैठक की रिपोर्ट चिकित्सा विभाग और गृह विभाग से साझा की जाएगी।
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि कोविड के जितने भी मामले आए हैं, वे सभी निजी स्कूलों के हैं। फिलहाल सरकारी स्कूलों में बच्चों का बचाव है। विभागों से चर्चा के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने सभी निजी सरकारी स्कूलों से अपील करते हुए कहा कि कोविड गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराया जाए। इसमें कोई गलती न करें। फिलहाल ऑफलाइन या ऑनलाइन कक्षाओं की चर्चा की गई है। इस पर निर्णय कर जल्द ही घोषणा की जाएगी।
इस बैठक में जयपुर के सीएमएचओ नरोत्तम शर्मा ने अपनी रिपोर्ट पेश की। सीएमएचओ ने कहा कि राजधानी के स्कूलों में कोविड के मामले सामने आए हैं। समय रहते सावधानी बरतकर इनका पता लगाया गया है। लेकिन समय रहते ध्यान रखते हुए छात्रों को भी क्वारंटाइन किया जाए। इससे बचा जा सकता है। सीएमएचओ के मुताबिक यह कोई लहर नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल में लापरवाही बरती जा रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान में एक बार फिर कोरोना दस्तक दे रहा है। इस बार स्कूली बच्चे कोविड के निशाने पर हैं। राजस्थान में पिछले 22 दिनों में 19 बच्चे कोविड पॉजिटिव मिले हैं। अकेले जयपुर के एक स्कूल में 12 बच्चे कोविड की चपेट में आने के बाद अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। राजस्थान में 15 नवंबर से शत-प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूलों की शुरुआत की गई। इसके साथ ही अधिकांश शिक्षण संस्थानों ने अपनी ऑनलाइन कक्षाएं भी बंद कर दीं।