क्या बूस्टर डोज से लगेगा ओमीक्रॉन पर ब्रेक? विशेषज्ञों ने स्टडी में किए चौंकाने वाले खुलासे

एक तरफ जहां कोरोना का नया वेरिएंट इन दिनों बहुत ज्यादा चर्चा में है, तो वही दूसरी और कोरोना वैक्सीन के बेअसर होने की भी चर्चा है। हालांकि, कई देश बूस्टर डोज देने पर चर्चा कर रहे है। वर्तमान में बनाई गई वैक्सीन और बूस्टर डोज ओमीक्रॉन वैक्सीन पर कितनी इफेक्टिव है और इसे लेकर स्टडी क्या कहती है, आइए जानते है।
क्या बूस्टर डोज से लगेगा ओमीक्रॉन पर ब्रेक? विशेषज्ञों ने स्टडी में किए चौंकाने वाले खुलासे

क्या बूस्टर डोज से लगेगा ओमीक्रॉन पर ब्रेक? विशेषज्ञों ने स्टडी में किए चौंकाने वाले खुलासे

Image By : Hindustan

पढ़िए, क्या कहती है स्टडी ?
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर इन दिनों चर्चा है की कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रान पर वैक्सीन बेअसर हो सकती है। ऐसे में कई कंपनियां वैक्सीन में बदलाव कर रही है। तो कई देश बूस्टर डोज देने पर चर्चा कर रहे है। लेकिन सबके मन में एक ही सवाल हैं की ओमीक्रॉन पर वैक्सीन कितनी इफेक्टिव है और इसे लेकर स्टडी क्या कहती है। आज बात उन स्टडीज की जो ओमीक्रान पर वैक्सीन की इफेक्टिवनेस को लेकर की गई है। ऑक्सफोर्ड युनिर्वसिटी की स्टडी में कहा गया है की ओमीक्रॉन के खिलाफ फाइजर और मॉर्डना की वैक्सीन कम कारगर है। इस स्टडीज में रिसर्चर ने वैक्सीन का सैकेंड डोज ले चुके लोगों में 28 दिन के बाद एंटिबॉडी लेवल चेक किया। स्टडी में शामिल कई लोगों में तो एंटीबॉडी लेवल इतना कम हो गया, जो वायरस को रोकने के लिए बिल्कुल कारगर नहीं था। इसके अलावा सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानि सीडीसी ने अमेरिका में मिले 43 कोरोना मरीजो कों एनलाइस किया। इसमें से 34 मरीज ऐसे है, जिन्होंने वैक्सीन के दोनो डोज लगवा लिए है। इसके बाद अब आशंका जताई जा रही है की ओमीक्रॉन की वजह से वैक्सीन की इफेक्टिवनेस कम हुई है।

बूस्टर डोज़ पर की गई स्टडी के परिणाम

वही वैक्सीन की इफेक्टिनेस की बूस्टर डोज को लेकर यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी की स्टडी में बताया गया की बूस्टर डोज लेने के बाद मॉर्डना और फाइजर की वैक्सीन 70 से 75 प्रतिशत इम्यूनिटी प्रोवाइड करती है। हालाँकि, ओमीक्रॉन की वजह से गंभीर लक्षण कितने बढ़ गए है की इसे लेकर अभी स्टडी की जानी है। लेकिन बाकी वैरिएंट के मुकाबले इसके ज्यादा होने की आशंका है। इजराइल के शेबा मेडिकल सेंटर और सेंटर वायरोलॉजी लैबोरेटरी बूस्टर डोज की इफेक्टीवनेस को लेकर 40 लोगों पर एक स्टडी की थी।

इसमें 20 लोग ऐसे थे, जिन्होंने 5 से 6 महिने पहले ही दूसरा डोज लगवाया था। शेष 20 को एक महिने पहले बूस्टर डोज़ लगाया गया था। स्टडी में सामने आया की जिन लोगों ने 5 से 6 महिने पहले वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाया था, उनकी ओमीक्रॉन के खिलाफ इम्यूनिटी कम हुई है। वहीं जिन्हें बूस्टर डोज दिया गया था, उनमें ओमीक्रॉन से लड़ने वाली एंटीबाडी ज्यादा है।

दुनिया के 35 से ज्यादा देश दे रहे है बूस्टर डोज़

ओमीक्रॉन पर वैक्सीन इफेक्टिवनेस को लेकर फाइजर और मॉर्डना ने भी रिसर्च की थी। जिसमें उन्होने कहा की उनकी वैक्सीन का बूस्टर डोज ओमीक्रॉन के खिलाफ इफेक्टिव है। इजराइल में बूस्टर डोज की इफेक्टिवनेस को लेकर हुई एक स्टडी में सामने आया की वैक्सीन का बूस्टर डोज कोरोना की वजह से हॉस्पिटलाइजेशन रोकने में 93 प्रतिशत कारगर है। साथ ही गंभीर लक्षणों को रोकने में 92 प्रतिशत कारगर है। बता दें की, दुनिया के 35 से ज्यादा देशों अपने नागरिकों को बूस्टर डोज दे रहे है। ब्रिटेन ने बढ़ते कोरोना केसेस के बीच 20 दिंसबर तक 18 से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर डोज देने का फैसला किया है।

<div class="paragraphs"><p>Corona Vaccine Booster Dose</p></div>

Corona Vaccine Booster Dose

Image By : TV9 Bharatvarsh

क्या आपको लेना चाहिए बूस्टर डोज ?

अब सवाल उठता है की क्या ओमीक्रॉन से बचने के लिए आपको बूस्टर डोज लेनी चाहिए ? तो इसका जवाब है फिलहाल नहीं। लेकिन हो सकता है की आने वाले कुछ महिनों में बूस्टर डोज दिया जाए। आईसीएमआऱ ने पार्लियामेंट्री कमेटी को कहा है की दूसरे डोज के 9 महिने बाद बूस्टर डोज दिया जा सकता है। साथ ही दिंसबर में ही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इडिंया ने अपनी वैक्सीन कोविशिल्ड को बूस्टर डोज के तौर पर देने की मंजूरी मांगी थी। ऐसे मे माना जा रहा है की सरकार पहले कमोडिटी वाले लोगों को बूस्टर डोज दे सकती है। यानि उन लोगों को वैक्सीन पहले लगेगी जो एक समय पर एक से अधिक बीमारी के शिकार होंगे। उसके बाद बाकी लोगों का फैसला लिया जाएगा।

नए वैरिएंट को हल्के में न लें - डॉक्टर वीके पॉल

दूसरी ओर भारत के कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि भारत को ऐसी वैक्सीन तैयार करनी चाहिए, जिसमें वायरस के बदलते वैरिएंट के मुताबिक तेजी से बदलाव किए जा सकें। ओमिक्रॉन वैरिएंट के फैलने की चिंता के बीच डॉ. पॉल ने गुरुवार को कहा कि भारत में वायरस बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। जब उससे कम या मध्यम संक्रमण फैलता है, तो इस स्थिति को एंडेमिसिटी कहा जाता है। वहीं दूसरी ओर डॉ. पॉल ने ये भी कहा कि , 'ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि वायरस के सामने हमारे द्वारा बनाई गई वैक्सीन भी पावरफुल ना हो। पिछले तीन हफ्ते में ओमिक्रॉन के साथ रहते हुए हमने कई ऐसे हालात देखे है। जिनमें से कुछ मामले सही भी हो सकते है। हालांकि, अभी तक हमारे पास इसकी पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए वैक्सीन के बेअसर होने के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता।'

Like and Follow us on : Twitter Facebook Instagram YouTube

<div class="paragraphs"><p>क्या बूस्टर डोज से लगेगा ओमीक्रॉन पर ब्रेक? विशेषज्ञों ने स्टडी में किए चौंकाने वाले खुलासे</p></div>
 सिंगल डोज वाली Sputnik Light Vaccine का सितंबर में शुरू होगा उत्पादन, भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी लगाएगी

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com