राजस्थान के 20 जिलों में हो रही है कोरोना की जांच

डाॅ. शर्मा ने कहा कि राज्य में कोविड से निपटने के लिए बेहतर इंतजामात किए गए हैं
राजस्थान के 20 जिलों में हो रही है कोरोना की जांच

न्यूज – राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों के 26 केंद्रों पर कोरोना की जांच की जा रही है। 20वें जिले के लिए भी हाल में अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि शेष बचे जिलों में भी कोरोना जांच की सुविधाएं जल्द विकसित कर ली जाएंगी।

डाॅ. शर्मा ने कहा कि राज्य में कोविड से निपटने के लिए बेहतर इंतजामात किए गए हैं। प्रदेश में 405 कोविड केयर सेंटर में 42 हजार से ज्यादा बैड्स हैं। उन्होंने बताया कि 8 हजार से ज्यादा आॅक्सीजन सपोर्ट बैड, 1672 आईसीयू बैड, 881 वेंटीलेटर्स हैं। पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट, एन-95 मास्क, थ्री लेयर मास्क हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 1200 वेंटिलेटर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिनमें से 300 वेंटिलेटर्स पोर्टेबल टाइप के हैं, जो कि खासे मददगार साबित होंगे।

राज्य मे 7.50 लाख से ज्यादा टेस्टिंग

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 7.50 लाख से ज्यादा टेस्ट करवाए जा चुके हैं। प्रदेश में 38250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है और प्रतिदिन 15-16 हजार जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि अमरीका से आने वाली अत्याधुनिक कोबास-8800 मशीन के बाद करीब 9 हजार जांचें प्रतिदिन और की जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जांच सुविधा देश भर में सबसे बेहतर है। राजस्थान ने पड़ौसी राज्यों को भी 5000 टेस्ट प्रतिदिन करने की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है।

राजस्थान में 28 दिनों में हो रहे हैं दोगुने मरीज

डाॅ. शर्मा ने बताया कि देश भर में कोरोना पीड़ित के दोगुने होने की राष्ट्रीय औसत 19 दिन है, जबकि राजस्थान में यह औसत 28 दिन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जयपुर, धौलपुर, भरतपुर, जोधपुर, पाली सहित कुछ जिले हैं, जहां 100 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं। भरतपुर और धौलपुर जिलों में तो बाहरी राज्यों के सुपर स्प्रेडर्स के जरिए संक्रमण का फैलाव हुआ लेकिन हालात पूरी तरह काबू में है।

525 मोबाइल मेडिकल वैन से 25000 से ज्यादा लोग उपचार का लाभ ले रहे

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुचारू रखा गया है। टीकाकरण, परिवार कल्याण, कैंसर, टीबी उल्मूलन सरीखे राष्ट्रीय कार्यक्रम निरंतर चालू हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना से अन्य बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश भर में 525 मोबाइल मेडिकल वैन चलाई जा रही हैं, जिनसे प्रतिदिन 25000 से ज्यादा लोग उपचार का लाभ ले रहे हैं। अब तक इन मोबाइल वैनों के जरिए 11.5 लाख लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करा चुके हैं। प्रदेश में टेलीमेडिसन के जरिए घर बैठे लोग विशेषज्ञों की राय लेकर स्वस्थ हो रहे हैं।

कोरोना अभी गया नहीं लापहरवाही ना बरतें

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है छोटी सी लापरवाही या असवाधानी स्वयं और राज्य के लिए खतरा पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना की अभी कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है। उन्होंने आकाशवाणी के जरिए कोरोना के प्रोटोकाॅल यानी कि बार-बार हाथ धोने, मास्क लगाने, दो गज की दूरी बनाकर रखने, सार्वजनिक जगह पर ना थूकने, समूह या भीड़ में ना जाने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने की अपील की। उन्होंन कहा कि इन सावधानियों से हम कोरोना को हरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस अनुशासन का परिचय राज्य की जनता ने पिछले 3 महीनों में दिया है, यही क्रम जब तक अपनाया जाए जब तक इसकी कोई वैक्सीन या दवा बाजार में ना आ जाए।

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