डेस्क न्यूज़- वैक्सीन संकट – पूरा देश इस समय वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है। टीकों की कमी के कारण कई राज्यों में टीकाकरण केंद्र बंद कर दिए गए हैं। मुंबई-दिल्ली, कर्नाटक, ओडिशा समेत कई राज्यों में टीकाकरण केंद्र बंद कर दिए गए हैं। दो महीने पहले जिस गति से टीकाकरण अभियान चल रहा था, वह सुस्त है। पिछले सात दिनों में इसमें जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। 14 मार्च से देश में टीकाकरण की भारी कमी है। हर दिन औसतन 13.42 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा था, लेकिन गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल 11.66 लाख लोगों को टीका लगाया जा रहा है। वैक्सीन की कमी ने संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ा दी है। वहीं सरकार की ओर से टीकाकरण का लक्ष्य भी रखा गया है। जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।
दुनिया में वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग सेंटर होने के बावजूद यहां की
3 फीसदी से भी कम आबादी हर दिन लोगों को टीका लगवा
पाती है। समस्या इसलिए पैदा हुई क्योंकि केंद्र ने पिछले साल
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन
बनाने का आदेश नहीं दिया था। वहीं, बड़ी मात्रा में वैक्सीन दूसरे देशों को भेजी गई। वहीं सरकार ने अपने-अपने राज्यों के अनुसार वैक्सीन कंपनियों के साथ अनुबंध कर वैक्सीन प्राप्त करने की जिम्मेदारी सौंपी है, हालांकि सरकार की इस नीति की कड़ी आलोचना भी हो रही है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर बताया कि अब तक 114 दिनों में वैक्सीन की 17 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं, हालांकि लक्ष्य को पूरा करने के लिए 60 करोड़ वैक्सीन डोज की जरूरत है। वहीं, वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक अगस्त तक बढ़ाने की बात कर रहे हैं। दोनों कंपनियों ने सरकार को सूचित किया कि अगस्त तक वे अपना उत्पादन बढ़ाकर क्रमश: 10 करोड़ और 7.8 करोड़ खुराक कर लेंगी।