रूस से 650 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप पहुंची जयपुर, केंद्र सरकार ने 125 वेंटिलेटर और 150 ऑक्सीजन सिलेंडर भी भिजवाए

कोरोना के दूसरी संक्रमण की घातक लहर के बीच ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे मेडिकल और हेल्थ केयर सेक्टर को आज थोड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने रूस से जिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का ऑर्डर दिया था, उनमें से 650 कंसंट्रेटर आज जयपुर पहुंच गए है। इनके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य को 125 नए वेंटिलेटर और 150 बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर भी भिजवाए हैं
रूस से 650 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप पहुंची जयपुर, केंद्र सरकार ने 125 वेंटिलेटर और 150 ऑक्सीजन सिलेंडर भी भिजवाए
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कोरोना के दूसरी संक्रमण की घातक लहर के बीच ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे मेडिकल और हेल्थ केयर सेक्टर को आज थोड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने रूस से जिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का ऑर्डर दिया था, उनमें से 650 कंसंट्रेटर आज जयपुर पहुंच गए है। इनके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य को 125 नए वेंटिलेटर और 150 बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर भी भिजवाए हैं।

राज्य सरकार ने रूस से जिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का ऑर्डर दिया था, उनमें से 650 कंसंट्रेटर आज जयपुर पहुंच गए है

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि रूस

से सरकार ने 1250 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मंगवाए है, जिसमें से 650 की खेप

आज यहां पहुंची है। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (RMSC) के

MD आलोक रंजन और वित्त विभाग की संयुक्त सचिव

टीना डाबी ने इन सभी उपकरणों काे जयपुर में रिसीव किया।

महाजन ने बताया कि इससे पहले 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप जयपुर आ चुकी है।

5800 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदेगी सरकार

RMSC के MD आलोक रंजन ने बताया कि ऑक्सीजन की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए ऑक्सीजन कंसट्रेटर की खरीद का निर्णय किया था। इसके लिए ग्लोबल EOA व खुली निविदा आमंत्रित की थी। इनमें से कॉम्पिटिटिव नेगोशिएशन प्रक्रिया में चार फर्म शामिल हुई। इसमें से तीन योग्य फर्म को 5 हजार 800 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया है। उन्होंने बताया कि इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को राज्य के अलग-अलग जिलों में भिजवाया जाएगा।

केंद सरकार ने बढ़ाया ऑक्सीजन कोटा

केंद्र सरकार ने भी राज्य का ऑक्सीजन कोटा बढ़ा दिया है। राजस्थान को अब सूरत के हजीरा स्थित ऑक्सीजन प्लांट से 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मिलनी शुरू हो गई है। इस तरह अब केंद्र सरकार की ओर से राज्य को 310 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जा रही है, जबकि 125 मीट्रिक टन का राज्य में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से उत्पादन किया जा रहा है।

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