कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में अचानक मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत हो गई। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने विदेशों से संसाधन जुटाने का सिलसिला शुरू किया। इस काम में देश की एयरफोर्स बड़ी भूमिका निभा रही है। उसके विमान विदेशों से मेडिकल ऑक्सीजन के टैंकर और कोरोना से लड़ाई के लिए जरूरी दूसरी चीजें लाने में जुटे हैं।
वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर अब तक 732 उड़ानें भर चुके हैं।
इस दौरान उन्होंने देश के अंदर और विदेशों से 498 ऑक्सीजन टैंकर पहुंचाए।
वायु सेना ने इस मेगा ऑपरेशन के लिए 42 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं।
इनमें छह C-17, छह Ilyushin-76, 30 मीडियम लिफ्ट C-130Js और AN-32 विमान शामिल हैं।
एयरफोर्स के प्रवक्ता ने बताया कि हमारे पायलटों ने देश भर में 403 ऑक्सीजन कंटेनर
पहुंचाने के लिए 939 घंटों की 634 उड़ानें भरी हैं।
ये 6856 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ 163 मीट्रिक टन दूसरे उपकरण ले जा सकते हैं।
एयरफोर्स ने जर्मनी, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और सिंगापुर सहित 9 से ज्यादा देशों से ऑक्सीजन कंटेनर और दूसरी राहत सामग्री लाने के लिए उड़ान भरी है। वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक, इंटरनेशनल सेक्टर में हमारे विमान इन देशों से 95 कंटेनर लेकर आए। इसके लिए 480 घंटे उड़ान भरी गई। उन्होंने बताया कि विदेश से लाए गए कंटेनर 793.1 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ले जाने में मदद कर सकते हैं। विमानों में 204.5 मीट्रिक टन दूसरी राहत सामग्री भी लाई गई है।
एयरफोर्स ने देश के उत्तरी इलाकों में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भी अपना अभियान नहीं रोका है। यहां पिछले साल से भारतीय और चीनी सेना में तनाव है। इन इलाकों में गर्मियों के लिए सैनिकों की तैनाती शुरू हो गई है। इसका मतलब है कि फॉरवर्ड लोकेशंस पर दोनों ओर के सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे।