देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच तेजी से कोविड टीकाकरण किए जाने की कवायद जारी है। कोरोना संक्रमित मरीजों को वैक्सीन की डोज कब लेनी चाहिए और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कब कोविड टीका लगवा सकती हैं? ऐसे कई सवाल अक्सर लोगों के मन में उठते हैं। सरकारी पैनल ने गुरुवार को इन सवालों के जवाब देते हुए सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक होने के 6 महीने बाद ही वैक्सीन की पहली डोज लेनी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह
(एनटीएजीआई) ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच
अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते यानी करीब 4 महीने करने की सिफारिश की है।
हालांकि, कोवैक्सिन की खुराकों के लिए बदलाव की अनुशंसा नहीं की गई है।
बता दें कि वर्तमान में कोविशील्ड टीके की दो खुराकें 4-8 हफ्ते के अंतराल पर दी जाती हैं।
सरकारी पैनल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एनटीएजीआई ने यह भी कहा है कि जो लोग कोविड-19 से पीड़ित रह चुके हैं और जांच में उनके सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, उन लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए। राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह के सुझाव टीकाकरण को देखने वाले कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजे जाएंगे।
सरकारी पैनल की इस सिफारिश को कुछ लोग वैक्सीन की किल्लत से भी जोड़कर देख सकते हैं। वैक्सीन की कमी के चलते महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से टीकाकरण प्रभावित हुआ है। कहा जा रहा है कि देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकारी पैनल ने कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने की सिफारिश की है।