उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुए पंचायत चुनावों ने सरकारी कर्मचारियों की ज़िंदगी पर पानी फेर दिया। कई परिवारों से उनका सहारा छिन गया। किसी बच्चे से मां का आंचल तो किसी से पिता का साया छिन गया। इन चुनावों में संक्रमित हुए 2 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी यों की जान चली गई।
अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो मतगणना से पहले ही 706 शिक्षकों की
मृत्यु हो गई थी। मतगणना के बाद यह संख्या एक हजार के पार जाने की
आशंका है। इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ और राज्य के
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा भी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में मृतकों का उल्लेख किया है। उन्होंने लगभग 10 पृष्ठों के पत्र के साथ 706 शिक्षकों की सूची भी जारी की है। जिलेवार मौतें और नाम इसमें दर्ज हैं। हालांकि, पिछले एक सप्ताह में मृतकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। अब राज्य के सभी संगठन ऐसे कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण में सरकारी कर्मचारियों की मौतों के कारण अब अन्य कर्मचारी भी दहशत में हैं। सचिवालय के कई कर्मचारियों ने कार्यालय में आना बंद कर दिया है। कई नगर निगम के कर्मचारी भी कार्यालय नहीं आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में मृतकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है