राज्य में कोरोना चेन को तोड़ने के लिए राजस्थान सरकार लॉकडाउन को और सख्त करने पर विचार कर रही है। लॉकडाउन दिशानिर्देशों में 17 मई तक दी गई कुछ छूटें विचाराधीन हैं। विवाह समारोहों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया जा सकता है। 7 दिन का कड़ा लॉकडाउन भी तय किया जा सकता है। आज (बुधवार) शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में सख्ती बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा।
राज्य में शादियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है। मौजूदा
दिशानिर्देश में, शादी समारोह में बैंड पार्टी के अलावा केवल 31 लोगों को
अनुमति दी गयी है। सरकार अब इस छूट को वापस लेने की तैयारी कर रही
है। अधिकांश मंत्रियों और विशेषज्ञों की राय है कि विवाह समारोहों पर प्रतिबंध लगाने की है। कैबिनेट में चर्चा के बाद इस छूट को वापस लिया जा सकता है। एक्सपर्ट की भी राय है कि आगे आखातीज के सावे पर बड़ी तादाद में शादियां होने से गैदरिंग बढ़ेगी, जिसकी वजह से कोरोना विस्फोट की आशंका है। इसके कारण शादी समारोहों पर रोक का फैसला हो सकता है।
राजधानी जयपुर सहित जिन जिलों में कोरोना के मामले ज्यादा हैं, वहां सख्ती और बढ़ेगी। इन जिलों में कोरोना प्रभावित इलाकों कंटेमेंट जोन जैसी सख्ती की जा सकती है। पिछले लॉकडाउन की तरह जरूरी सेवाओं को छोड़ सब बंद करने के विकल्प पर विचार किया जा सकता है। 12 बजे से सुबह 5 बजे की अवधि में जीरो मोबिलिटी पर जोर दिया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद गृह विभाग लॉकडाउन की संशोधित गाइडलाइन जारी कर सकता है। शादियों पर पाबंदी सहित कुछ प्रतिबंधों को शामिल करते हुए नई गाइडलाइन तैयार होगी।
कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों और विधायकों के कोविड कोष में एक महीने का वेतन देने का निर्णय लिया जा सकता है। अधिकारियों और कर्मचारियों के दो दिनों के वेतन में कटौती पर भी निर्णय होने की संभावना है। कम वेतन वाले कर्मचारियों को वेतन कटौती से बाहर रखा जा सकता है। पिछली बार पहली लहर के वक्त भी मंत्रियों-विधायकों, अफसरों कर्मचारियों का वेतन काटा गया था। दूसरी ओर, 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण के खर्च के लिए विधायक निधि से 600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। आज की कैबिनेट बैठक में, प्रत्येक विधायक निधि से टीकाकरण के लिए 3 करोड़ रुपये देने के प्रावधान को मंजूरी दी जा सकती है।