देश के जाने माने कवि कुंवर बेचैन का कोरोना से निधन, कुमार विश्वास बोले- कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया

देश के जानेमाने कवि गीतकार डॉ. कुंवर बेचैन का गुरुवार को कोरोना से निधन हो गया। कुंवर बेचैन के निधन की खबर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दी। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉ. कुंबर बेचैन का नोएडा के कैलाश हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था
देश के जाने माने कवि कुंवर बेचैन का कोरोना से निधन, कुमार विश्वास बोले- कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया
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देश के जानेमाने कवि गीतकार डॉ. कुंवर बेचैन का गुरुवार को कोरोना से निधन हो गया। कुंवर बेचैन के निधन की खबर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दी। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉ. कुंबर बेचैन का नोएडा के कैलाश हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था। शुरुआत में उन्हें बेड ना मिल पाने के कारण काफी दिक्कतें हुई थी, कई लोगों के प्रयास के बाद वे कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए थे।

कुंवर बेचैन के निधन की खबर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दी

डॉ. कुंवर बेचैन और उनकी पत्नी संतोष कुंवर कोरोना संक्रमित थीं। पॉजिटिव पाए जाने के बाद से ही दोनों दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित सूर्या अस्पताल में एडमिट थे। हालत में सुधार नहीं होने पर डॉ. कुंवर बेचैन को आनंद विहार स्थित कोसमोस अस्पताल में शिफ्ट किया गया। कोसमोस अस्पताल में एडमिट किए जाने के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था। जिसके बाद कुमार विश्वास के प्रयासों के चलते गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा की मदद से उन्हें कैलाश अस्पताल में वेंटिलेटर मिल पाया था।

वेंटिलेटर पर कुंवर बेचैन की हालत गंभीर बनी हुई थी, जिसके बाद आज उनका निधन हो गया

वेंटिलेटर पर भी उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, जिसके बाद आज उनका निधन हो गया। कवि कुंवरबेचैन के निधन की जानकारी खुद कुमार विश्वास ने दी है। कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है। मेरे कक्षा-गुरु, मेरे शोध आचार्य, मेरे चाचाजी, हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुँअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया। कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया।'

कुंवर बेचैन साहब ने कई विधाओं में साहित्य सृजन किया

कुंवर बेचैन की पत्नी अब भी सूर्या अस्पताल में भी भर्ती हैं। उनकी हालत स्थिर है। बेचैन मूल रूप से मुरादाबाद के उमरी गांव के थे। उनकी शिक्षा चंदौसी के एसएम कॉलेज में हुई थी। बेचैन गाजियाबाद के एम.एम.एच. महाविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष रहे। बेचैन साहब ने कई विधाओं में साहित्य सृजन किया। मसलन कवितायें भी लिखीं, गजल, गीत और उपन्यास भी लिखे। बेचैन' उनका तख़ल्लुस है असल में उनका नाम डॉ. कुवर बहादुर सक्सेना है।

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