कोरोना वायरस वैक्सीन का ड्राई रन आज होने वाला हैं। कोरोना वायरस की वैक्सीन से जुड़ी तैयारियों को जानने , परखने और लॉजिटिक्स एवं ट्रेनिंग (logistics and training) में खामियों जांचने के लिए आज सभी राज्यों में ड्राई रन (Dry Run) किया जाएगा. इसके साथ ही कोविन सुविधा का भी परीक्षण किया जाएगा।
कोविन क्या हैं ?
कोविन (covin) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। जिसे टीकाकरण के अभियान की शुरूआत करने और अभियान में तेजी लाने के लिए तैयार किया गया है।
इस अभियान से एक दिन पहले सरकार की ओर से नियुक्त पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने की सिफारिश की हैं।
कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी के लिए Drugs Controller General of India (DCGI) को भेजा जाएगा।
जहां से इसे मंजूरी दी जाएगी।
सरकार की तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हूए कहा कि दो जनवरी को देंश के सभी राज्यों और केंद्रशासित
प्रदेशों द्वारा कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। यह अभियान इसलिए किया
जाएगा ताकि अभियान में आने वाली चुनौतियों पहचाना जा सके। जिससे आगे आने वाली चुनौतियो को कम कीया जा सके ।
स्वास्थ्य मंत्रालय की जानकीरी के अनुसार इस कवायद को सभी राज्यों
(States) की राजधानियों (Capitals) में मिनिमम तीन सत्र स्थलों पर अंजाम दिए जाने का प्रस्ताव है।
तीन सत्र स्थलों में से प्रत्येक के लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी 25 लाभार्थियों
की पहचान करेंगे। ये लाभार्थी स्वास्थ्यकर्मिय होंगे। जिन्हें टीका लगाया जाएगा। मंत्रालय से यह भी जानकारी मिली हैं कि
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित भी कराया जाएगा कि वो इन
लाभार्थियों का ब्योरा ‘को-विन’ (COPIN) ऐप पर अपलोड करे।
टीका लगाने के लिए लगभग 96,000 कर्मियों को प्रशिक्षिण दिया गया है। इसके साथ ही कुल 2,360 भागीदारों (Participants) को राष्ट्रीय प्रशिक्षक प्रशिक्षण में प्रशिक्षित किया गया है। और 719 जिलों में 57,000 से अधिक भागीदारों को जिला स्तर का प्रशिक्षित किया गया है।
ड्राई रन मंत्रालय ने कहा कि
ड्राई रन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को प्रशीतन श्रृंखला प्रबंधन सहित टीका आपूर्ति के प्रबंधन, भंडारण और साजो-सामान में भी समर्थ करेगा। इसके साथ ही सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से भी कहा है
कि पर्याप्त स्थान, साजो-सामान संबंधी प्रबंध, इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षा, इत्यादि के लिहाज से सभी प्रस्तावित स्थलों का भौतिक सत्यापन किया जाए।
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