कोरोना वैक्सीन लगवाने में ये पांच बातें करेगी आपकी मदद ? : कोरोना महामारी के बीच देश में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में अब भी कई तरह की आशंकाएं हैं।
तमाम प्रयासों के बावजूद वैक्सीन की उपयोगिता को लेकर लोग आश्वस्त नहीं है।
यह स्थिति सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी है।
एक सप्ताह पहले ही अमेरिका में किए एक सर्वे में 37 फीसदी लोगों का कहना था
कि वह एफडीए की तरफ अप्रूव्ड की गई कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।
इसका मतलब है कि हर तीन में से एक व्यक्ति कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाना चाहता है।
सोशल नॉर्म्स पावरफुल मोटिवेशन होते हैं।
अमेरिका की आयोवा सिटी वोट नहीं देने वालों लोगों का नाम न्यूज पेपर में सार्वजनिक करने से वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने में मदद मिली थी।
ऐसे में यह वैक्सीनेशन पर भी लागू हो सकता है। यदि आपको पता है कि फलां व्यक्ति वैक्सीन लगवा चुका है तो निश्चित रूप से अधिक सुरक्षित होगा। ऐसे में यह स्ट्रॉन्ग मोटिवेटर का काम कर सकता है।
मौजूदा वैक्सीनेशन ड्राइव को देखते हुए इस बात के साफ प्रमाण हैं कि लोगों के लिए वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक करने में कितनी परेशानी आ रही है। यदि लोगों के लिए वैक्सीनेशन अप्वाइंटमेंट को आसान बना दिया जाए तो संभव है कि आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोग वैक्सीन लगवाने में ना हिचकें। अनुमान है कि यदि लोगों को निर्धारित टाइम, डेट और लोकेशन आसानी से उपलब्ध हो जाए तो इससे वैक्सीनेशन 36 परसेंट तक बढ़ सकता है
1950 में ताइवान ने सेल रसीद पर लॉटरी नंबर का विकल्प देकर सेल्स टैक्स कलेक्शन में 75 परसेंट तक की बढ़ोतरी दर्ज की थी। लोगों के लिए पैसा काफी मायने रखता है। वैक्सीन से सुरक्षा के साथ ही यदि पैसे का विकल्प हो तो संभव है कि लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर रुझान बढ़े। वैक्सीनेशन कार्ड पर लॉटरी टिकट का हर सप्ताह ड्रा से फायदा हो सकता है।
लोगों को वैक्सीनेशन के फायदों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना जरूरी है। ऐसे में शब्दों का सही चुनाव बहुत जरूरी है। वैक्सीनेशन को लोगों की फ्रीडम के साथ ही इसे देश के गर्व के साथ जोड़ना प्रभावी विकल्प हो सकता है।
वैक्सीन लगवाने के लिए डेडलाइन तय की जा सकती है। जैसे आईटी रिटर्न भरने के लिए अंतिम तारीख तय होने से लोगों के दिमाग में यह बात बैठ जाती है। इसमें 30 दिन की डेडलाइन रख सकते हैं। डेडलाइन का पालन नहीं करने पर हल्का जुर्माना, अपनी बारी का इंतजार या फिर वैक्सीनेशन से बाहर हो जाने का विकल्प भी हो सकता है।