देश को जल्द मिलेगी दूसरी स्वदेशी वैक्सीन, सरकार ने ऑर्डर करे 30 करोड़ डोज

देश में कोरोना वायरस के टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने हैदराबाद की कंपनी की 30 करोड़ स्वदेशी वैक्सीन एडवांस में बुक कर ली है, यह कंपनी हैदराबाद में स्थित है
देश को जल्द मिलेगी दूसरी स्वदेशी वैक्सीन, सरकार ने ऑर्डर करे 30 करोड़ डोज

डेस्क न्यूज़- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश को एक और बड़ी कामयाबी मिलने वाली है,

जल्द ही देश में लोगों को कोरोना वायरस का दूसरा टीका लगवाया जाएगा,

देश में कोरोना वायरस के टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने हैदराबाद की कंपनी

की 30 करोड़ स्वदेशी वैक्सीन एडवांस में बुक कर ली है, यह कंपनी हैदराबाद में स्थित है,

जिसका नाम बायोलॉजिकल-ई है, कंपनी फिलहाल कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है,

लेकिन ट्रायल के दौरान ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑर्डर बुक कर लिए हैं और कंपनी को 1500 करोड़ की राशि एडवांस में देने को कहा गया है,

यह भारत की दूसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन होगी, इससे पहले भारत बायोटेक का कोवैक्सिन देश का पहला कोरोना वायरस वैक्सीन है।

वैक्सीन के अभाव में घिरी सरकार

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कंपनी अगस्त से दिसंबर के बीच कोरोना वैक्सीन का उत्पादन और भंडारण करेगी,

दरअसल जिस तरह से केंद्र सरकार की कोरोना वायरस की वैक्सीन नीति पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं

और विपक्ष हमले कर रहा है, उसके बाद सरकार की ओर से यह बड़ा कदम उठाया गया है,

मार्च और अप्रैल के महीनों में जब देश में कोरोना की दूसरी लहर आई तो देश को वैक्सीन की भारी कमी का सामना करना पड़ा,

जिससे सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, यही वजह है कि सरकार ने वैक्सीन के

निर्यात पर रोक लगा दी और वैक्सीन फ्रेंडशिप प्रोग्राम को भी रोक दिया, ताकि देश में कोरोना वैक्सीन

की कमी को दूर किया जा सके।

क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में वैक्सीन

बायोलॉजिकल ई वैक्सीन फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है,

पहले और दूसरे चरण में इस वैक्सीन ने अच्छे नतीजे दिखाए, सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है

कि यह वैक्सीन अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो जाएगी, भारत के कोविशील्ड रूस के स्पुतनिक वी के कोवैक्सिन

और सीरम संस्थान का भी जल्द ही टीकाकरण के लिए उपयोग किया जाएगा,

सरकार ने जून महीने में एक करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन पिलाने का लक्ष्य रखा है,

इसके साथ ही फाइजर, मॉडर्ना की भी विदेशी वैक्सीन लाने का प्रयास किया जा रहा है।

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से बायोलॉजिकल ई को 100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता

बायोलॉजिकल ई का परीक्षण होने के बाद इसे कोविड के वैक्सीन प्रशासन यानी एनईजीजीवीएसी को मंजूरी के लिए भेजा गया है,

सरकार की ओर से कहा गया है कि बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से बायोलॉजिकल ई को

100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है, जो वैक्सीन के शोध में भागीदार है,

सरकार ने स्वदेशी वैक्सीन के विकास के लिए एक योजना शुरू की है,

इस योजना के तहत स्वदेशी कंपनियों को कोरोना वैक्सीन के अनुसंधान और उत्पादन में मदद की जा रही है।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com