दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीनेशन के संबंध में बड़ा बयान दिया है. कंपनी ने कहा है- 'हम यह दोहराना चाहेंगे कि हमने भारत में लोगों को दरकिनार करके कभी भी टीकों का निर्यात नहीं किया है और देश में टीकाकरण अभियान के समर्थन में हम जो कुछ भी कर सकते हैं, करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक जनवरी 2021 में कंपनी
के पास वैक्सीन की खुराक का एक बड़ा भंडार था.
टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक शुरू हो गया था और दर्ज किए जा रहे
दैनिक मामलों की संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर थी.
उस स्तर पर, स्वास्थ्य विशेषज्ञों सहित ज्यादातर लोगों का मानना था कि
भारत महामारी का रुख मोड़ रहा है.
हमारी सरकार ने इस अवधि के दौरान जहां भी संभव हुआ समर्थन दिया.
हमारे वैश्विक गठबंधनों के हिस्से के रूप में, COVAX के प्रति भी हमारी प्रतिबद्धता थी, ताकि वे महामारी को समाप्त करने के लिए विश्व स्तर पर टीकों का वितरण कर सकें. एक और महत्वपूर्ण बात जिसे लोग महसूस नहीं रहे हैं वो ये है कि हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक हैं. इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीने के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कई कारक और चुनौतियां शामिल हैं. पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से टीका लगने में 2-3 साल लगेंगे.
SII ने 200 मिलियन से अधिक खुराकें वितरित की हैं, भले ही हमें अमेरिकी फार्मा कंपनियों के दो महीने बाद EUA प्राप्त हुआ हो. अगर हम उत्पादित और वितरित कुल खुराकों को देखें, तो हम दुनिया में शीर्ष तीन में शुमार हैं.