भारत में कब आएगी फाइजर वैक्सीन, जानिए स्पूतनिक और दूसरी वैक्सीन पर क्या है अपडेट

कोरोना वैक्सीन को लेकर कई राज्य सरकारों की ओर से रोजाना सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर कब उनको वैक्सीन की पूरी डोज मिल जाएगी। 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को लगाने के लिए कई राज्यों में वैक्सीन नहीं है वहीं सबसे बड़ा सवाल है कि वैक्सीन की कमी कब तक दूर होगी। कोविशील्ड और कोवैक्सिन के बाद स्पूतनिक v और फाइजर को लेकर भी सरकार की ओर से जवाब आ गया है
भारत में कब आएगी फाइजर वैक्सीन, जानिए स्पूतनिक और दूसरी वैक्सीन पर क्या है अपडेट
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कोरोना वैक्सीन को लेकर कई राज्य सरकारों की ओर से रोजाना सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर कब उनको वैक्सीन की पूरी डोज मिल जाएगी। 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को लगाने के लिए कई राज्यों में वैक्सीन नहीं है वहीं सबसे बड़ा सवाल है कि वैक्सीन की कमी कब तक दूर होगी। कोविशील्ड और कोवैक्सिन के बाद स्पूतनिक v और फाइजर को लेकर भी सरकार की ओर से जवाब आ गया है।

फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान वैक्सीन की पांच करोड़ खुराक देने की पेशकश की

फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान टीके की पांच करोड़ खुराक देने की

पेशकश की है। हालांकि, उसने कुछ रियायतें मांगी है।

नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने गुरुवार कहा है कि फाइजर pfizer की

ओर से टीके की उपलब्धता का संकेत मिलने के साथ ही सरकार और कंपनी

इसके जल्द से जल्द आयात को मिलकर काम कर रहे हैं।

फाइजर ने भारतीय अधिकारियों को बताया है कि उसका टीका भारत में मौजूद सार्स-सीओवी-2 वायरस की किस्म पर प्रभावी है। यह टीका 12 साल और उससे अधिक की उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है।

रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी जून के दूसरे हफ्ते से देश भर में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी

रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी जून के दूसरे हफ्ते से देश भर में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी। डॉ रेड्डीज ने रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ भारत में 12.5 करोड़ लोगों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन स्पूतनिक की 25 करोड़ खुराक बेचने का समझौता किया है। डॉ रेड्डीज को हाल में आरडीआईएफ से वैक्सीन की दो लाख से अधिक खुराक मिली हैं और उनसे हाल में अपोलो हॉस्पिटल के साथ मिलकर वैक्सीन लगाने की शुरुआत की गई है। भारत में Sputnik V की मैन्युफैक्चरिंग का अधिकार अभी केवल डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के पास है।

अपोलो ने गुरुवार को बताया कि देशभर में जून के दूसरे हफ्ते से रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर शुरू हो जाएगा। उसने कहा है कि अपोलो के हॉस्पिटल नेटवर्क में यह वैक्सीन उपलब्ध होगी।

कोवैक्सिन का बढ़ेगा प्रोडक्शन

कोवैक्सिन का प्रोडक्शन अभी सिर्फ एक भारतीय कंपनी भारत बायोटेक के पास है। वहीं सरकार ने सुनिश्चित किया है कि तीन अन्य कंपनियां/संयंत्र भी कोवैक्सिन का उत्पादन शुरू करें। साथ ही भारत बायोटेक के संयंत्रों की क्षमता भी बढ़ाई गई है। पॉल ने बताया कि भारत बायोटेक का कोवैक्सिन का उत्पादन अक्टूबर तक बढ़कर 10 करोड़ प्रति माह हो जाएगा, जो अभी एक करोड़ प्रति माह से कम है।

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